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Delhi-Meerut RRTS: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) एनसीआर में और उसके आसपास क्षेत्रीय परिवहन बनाने वाली संस्था दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर भारत की पहली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण कर रही है. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस शहरी रेल परिवहन प्रणाली 82.15 किमी की लंबाई में फैलेगी. यह सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें 160 किमी / घंटा की स्पीड से सुरंगों और ऊंचे पुलों से गुजरेंगी. इसकी अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटा आंकी गई है. पहले खंड का उद्घाटन 2023 के मध्य तक होने की उम्मीद है. इसके साथ ही साहिबाबाद-दुहाई खंड को 4 एलिवेटेड स्टेशनों के माध्यम से 11 किलोमीटर तक फैलाया जाएगा.
एनसीआरटीसी दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर मार्ग जैसे दो अन्य गलियारों में आरआरटीएस को प्राथमिकता देने की भी योजना बना रहा है. ये क्षेत्र लगभग 180 किलोमीटर तक फैला होगा. जबकि दिल्ली-सोनीपत-पानीपत मार्ग लगभग 111 किलोमीटर तक फैला होगा.
दिल्ली-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर
एनसीआरटीसी का लक्ष्य उन यात्रियों के लिए दिल्ली से सटे टियर 1 शहरों को जोड़ना है जो या तो सड़क परिवहन या नियमित ट्रेन नेटवर्क पर निर्भर हैं. पहला आरआरटीएस कॉरिडोर एनसीआर को उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा. वहीं, दूसरे का लक्ष्य एनसीआर को राजस्थान के अलवर से जोड़ना है.
जयपुर तक आरआरटीएस
प्रारंभिक योजना हाई-स्पीड ट्रेन का उपयोग करके दिल्ली को अलवर से जोड़ने की है, लेकिन कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान सरकार ने जयपुर तक आरआरटीएस कॉरिडोर का विस्तार करने में रुचि दिखाई है. आरआरटीएस कॉरिडोर जयपुर पहुंचने के लिए हरियाणा में गुड़गांव को कवर करेगा.
दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर
आरआरटीएस कॉरिडोर का उद्देश्य हरियाणा के पानीपत तक पहुंचना है, जो यहां से केवल 100 किमी दूर है. राजस्थान सरकार की तरह, हरियाणा सरकार ने आरआरटीएस के दिल्ली-पानीपत चरण को करनाल तक विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया है. यह मार्ग आगे चंडीगढ़ तक जाता है और इसे आगे चंडीगढ़ संघ शासित प्रदेश तक बढ़ाया जा सकता है.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)