भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बताया गया कि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है. इसका कारण देशभर में भुगतान प्रदर्शन और भुगतान बुनियादी ढांचे में गजब की वृद्धि हुई है.’
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Digital Payments: देशभर में डिजिटल पेमेंट में 31 मार्च 2024 तक 12.6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई. ऑनलाइन लेनदेन को अपनाने को मापने वाला आरबीआई सूचकांक में यक आंकड़ा सामने आया. सूचकांक मार्च 2024 के अंत में 445.5 पर रहा, जबकि सितंबर 2023 में यह 418.77 और मार्च 2023 में 395.57 पर था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बताया गया कि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है. इसका कारण देशभर में भुगतान प्रदर्शन और भुगतान बुनियादी ढांचे में गजब की वृद्धि हुई है.’
मार्च 2018 को बेस बनाया गया था
रिजर्व बैंक ने देशभर में डिजिटल पेमेंट की लिमिट का पता लगाने के लिए एक समग्र भारतीय रिजर्व बैंक-डिजिटल भुगतान सूचकांक (RBI-DPI) तैयार करने की घोषणा की थी. इसके लिए मार्च 2018 को बेस बनाया गया था. आरबीआई-डीपीआई (RBI-DPI) में पांच व्यापक मानदंड शामिल हैं, जो अलग-अलग समय अवधि में देश में डिजिटल भुगतान की गहराई और पैठ को मापने में सक्षम बनाते हैं.
छमाही आधार पर आती है रिपोर्ट
ये मानदंड ऑनलाीइन पेमेंट को सक्षम बनाने वाली व्यवस्था (भारांश 25 प्रतिशत); भुगतान अवसंरचना- मांग से जुड़े कारक (10 प्रतिशत); भुगतान अवसंरचना-आपूर्ति पक्ष कारक (15 प्रतिशत); भुगतान का कार्य-प्रदर्शन (45 प्रतिशत) और उपभोक्ता केन्द्रीयता (5 प्रतिशत) हैं. यह सूचकांक मार्च 2021 से चार महीने के अंतराल पर छमाही आधार पर प्रकाशित किया जाता है.