RBI Rapo Rate: अक्टूबर 2020 के बाद घर की बिक्री में उछाल के बीच अधिकतर शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ गईं. ब्याज दर के पिछले कुछ महीने से पुराने स्तर पर बने रहने के बीच रेजिडेंशन प्रॉपर्टी के रेट में तेजी आई है.
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Property Price: अगर आप भी ब्याज दर और प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने के कारण घर नहीं खरीद पाए तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. पिछले दिनों ब्याज दर तेजी से बढ़ने और कुछ शहरों में प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने के बाद 2022 और 2023 में घर खरीदने का अफोर्डेबिलिटी लेवल कम हुआ है. पिछले दिनों आई रिपोर्ट में यह भी साफ हुआ कि लग्जरी घरों की डिमांड बढ़ी है. हालांकि बाजार पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है कि अगले साल लोगों के अफोर्डेबिलिटी लेवल में सुधार आएगा. कोरोना के बाद अक्टूबर, 2020 के बाद घरों की कीमत तेजी से बढ़ी हैं.
अफोर्डेबिलिटी में कैसे आई गिरावट?
ग्लोबली रिसेशन की सुगबुगाहट और बढ़ती ब्याज दर के कारण 2022 में घर खरीदने के अफोर्डेबिलिटी लेवल में गिरावट देखी गई. आरबीआई (RBI) ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया. इसका सीधा असर होम लोन लेने वाले या लेने का प्लान करने वालों पर हुआ. हालांकि, अक्टूबर 2020 के बाद घर की बिक्री में उछाल के बीच अधिकतर शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ गईं. ब्याज दर के पिछले कुछ महीने से पुराने स्तर पर बने रहने के बीच रेजिडेंशन प्रॉपर्टी के रेट में तेजी आई है. इस दौरान लोगों की अफोर्डेबिलिटी में गिरावट आई लेकिन बिक्री की रफ्तार बरकरार रही.
कैसे बढ़ेगी अफोर्डेबिलिटी
अफोर्डेबिलिटी बढ़ाने के लिए कई फैक्टर काम करते हैं. इन फैक्टर में ब्याज दर में कटौती, प्रॉपर्टी की कीमत का रीजनेबल लेवल पर बने रहना, सैलरी हाइक और नौकरी के बेहतर मौके सभी मायने रखते हैं. पिछले हफ्ते आरबीआई की तरफ से जारी मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में लगातार पांचवी बार किसी तरह का बदलाव नहीं किया. इससे होम लोन को बढ़ावा मिल सकता है. डॉयचे बैंक की तरफ से दिसंबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार ब्याज दर साइकल अपने चरम पर है. जब तक जरूरत न हो, आरबीआई की तरफ से इसमें बढ़ोतरी की संभावना न के बराबर है. आने वाले जून, 2024 में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है. साल 2024 में सैलरी हाइक 2023 के बराबर ही मिलने की उम्मीद है.
घरों की बिक्री इसी रफ्तार से चलेगी?
कोरोना महामारी के बाद रेजिडेंशियल सेक्टर में बढ़ी डिमांड से इस सेक्टर में लंबे समय से चल रही मंदी ने रफ्तार पकड़ी. ब्याज दर बढ़ने और दाम में इजाफे की चिंताओं के बावजूद घरों की बिक्री जारी रही. जानकारों को उम्मीद है कि बिक्री की यह रफ्तार अगले साल भी जारी रहेगी. साल 2024 में होने वाले आम चुनाव के बीच जब प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिलेगी, उस समय बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है.
सबसे ज्यादा किफायती कौन से शहर?
जिन शहरों में घरों की बिक्री में तेजी आई है, उनमें टॉप 7 सिटी में कोलकाता सबसे किफायती हाउसिंग मार्केट बना हुआ है. इसके बाद हैदराबाद, पुणे और चेन्नई का नंबर है. हैदराबाद में कोविड महामारी के बारद कीमत में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई. मुंबई और गुरुग्राम इस समय सबसे महंगे प्रॉपर्टी मार्केट बने हुए हैं. एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में 40 करोड़ से ज्यादा कीमत पर बेचे गए 58 अल्ट्रा-लग्जरी घरों में से 53 मुंबई में थे. जैसे-जैसे लग्जरी घरों की बिक्री में इजाफा हो रहा है, डेवलपर्स ज्यादा महंगे घर लॉन्च करने के इच्छुक हैं.
बिल्डर्स की तरफ से भी रेट बढ़ाया जाएगा?
पिछले दो सालों में जिन बिल्डर्स की घरों की बिक्री तेजी बढ़ी है, वे कीमत भी बढ़ा रहे हैं. कुछ मार्केट जैसे गुरुग्राम, मुंबई और हैदराबाद के कुछ हिस्सों में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. ऐसे में यह भी उम्मीद की जा रही है कि इन शहरों में कीमत में और इजाफा हो सकता है. प्रॉपर्टी से जुड़े जानकारों का मानना है कि शहरों में जमीन की बढ़ी कीमत भी यह तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी कि घर की कीमतें किस हिसाब से बढ़ेंगी? घरों की बिक्री बढ़ने की रिपोर्ट के बाद अधिकांश डेवलपर्स यह सोच रहे हैं कि कीमत में बढ़ोतरी होने से खरीदारों पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा.