पड़ोसी देश ने भारत से की थी लाखों टन गेहूं की मांग, मोदी सरकार ने दी मंजूरी; जानिए बैन के बाद भी क्यों दी मंजूरी?
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पड़ोसी देश ने भारत से की थी लाखों टन गेहूं की मांग, मोदी सरकार ने दी मंजूरी; जानिए बैन के बाद भी क्यों दी मंजूरी?

India Nepal Relation: मीटिंग के दौरान भारत ने नेपाल को 2 लाख टन गेहूं आपूर्ति के अनुरोध को स्वीकार करने की जानकारी दी, जिस पर नेपाल ने भारत का धन्यवाद व्यक्त किया. 

पड़ोसी देश ने भारत से की थी लाखों टन गेहूं की मांग, मोदी सरकार ने दी मंजूरी; जानिए बैन के बाद भी क्यों दी मंजूरी?

India Nepal Trade: भारत ने पड़ोसी देश नेपाल को 2 लाख टन गेहूं की आपूर्ति करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. भारत सरकार ने दो दिवसीय अंतर-सरकारी समिति (IGC) की बैठक के दौरान नेपाल को इसकी जानकारी दे दी है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच शनिवार को व्यापार, परिवहन और सहयोग पर चर्चा के लिए यह बैठक हुई थी. 

भारत-नेपाल IGC की यह बैठक 10-11 जनवरी को काठमांडू में हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच अवैध व्यापार को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई. बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने किया. इस दौरान भारत ने नेपाल को दूध उत्पादों के निर्यात में आ रही दिक्कतों को उठाया. नेपाल ने उन दूध उत्पादों पर विचार करने की सहमति जताई है.

नेपाल ने धन्यवाद व्यक्त किया

अंतर-सरकारी समिति (IGC) दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए बना एक मैकेनिज्म है. इस बैठक में दोनों देशों ने आपसी बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकार और शुल्क संबंधित मुद्दों की समीक्षा की. 

इसके अलावा बैठक में ट्रांजिट संधि और व्यापार संधि की समीक्षा, मौजूदा समझौतों में संशोधन, मानकों के सामंजस्य और व्यापारिक ढांचे के समन्वित विकास पर चर्चा हुई. इसमें रक्सौल-बीरगंज रेल लाइन के विद्युतीकरण जैसे विषय भी शामिल थे.

मीटिंग के दौरान ही भारत ने नेपाल को 2 लाख टन गेहूं आपूर्ति के अनुरोध को स्वीकार करने की जानकारी दी, जिस पर नेपाल ने भारत का धन्यवाद व्यक्त किया और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत के निरंतर समर्थन की सराहना की.

गेहूं निर्यात पर है बैन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है, लेकिन वैश्विक गेहूं व्यापार में इसका हिस्सा 1% से भी कम है. देश में गरीबों के लिए रियायती भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार गेहूं उत्पादन का बड़ा हिस्सा रिजर्व रखती है. 

खराब मौसम की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी को देखते हुए मई 2022 में भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत भले ही एक प्रमुख गेहूं निर्यातक देश नहीं है, इसके बावजूद इस कदम ने वैश्विक बाजारों को अस्थिर किया है.

नेपाल को क्यों दी मंजूरी?

दरअसल, कुछ देशों के अनुरोध करने पर सरकार उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर निर्यात की अनुमति देती है. भारत सरकार ने यह कदम नेपाल की खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है. इस छूट के तहत, गेहूं का निर्यात खासतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जब संबंधित देश को इसकी सख्त जरूरत होती है. 

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