IPO बाजार में भारत का पलड़ा भारी, अमेरिका को पटखनी देकर बना दुनिया का नंबर 1, ग्लोबल शेयर में 36 फीसदी की हिस्सेदारी
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IPO बाजार में भारत का पलड़ा भारी, अमेरिका को पटखनी देकर बना दुनिया का नंबर 1, ग्लोबल शेयर में 36 फीसदी की हिस्सेदारी

भारतीय शेयर बाजार भले ही मौजूदा दौर में बुरे वक्त से गुजर रहा हो, लेकिन इस शे.र बाजार ने आसमान की ऊंचाईयों को छुआ है. भारत की तेज रफ्तार से बढ़ रही इकोनॉमी और ग्लोबल मार्केट में इसकी बढ़ी हिस्सेदारी की धमक इसके शेयर बाजार पर भी दिख रही है.

IPO बाजार में भारत का पलड़ा भारी, अमेरिका को पटखनी देकर बना दुनिया का नंबर 1, ग्लोबल शेयर में 36 फीसदी की हिस्सेदारी

Indian IPO Market beat America: भारतीय शेयर बाजार भले ही मौजूदा दौर में बुरे वक्त से गुजर रहा हो, लेकिन इस शे.र बाजार ने आसमान की ऊंचाईयों को छुआ है. भारत की तेज रफ्तार से बढ़ रही इकोनॉमी और ग्लोबल मार्केट में इसकी बढ़ी हिस्सेदारी की धमक इसके शेयर बाजार पर भी दिख रही है. भारत के आईपीओ मार्केट का दबदबा ऐसा दिखा कि उसने अमेरिका को भी पछाड़ दिया .  

अमेरिका को पछाड़ बना नंबर  1  

साल 2024 की तीसरी तिमाही में भारत का आईपीओ मार्केट हावी रहा. 36 फीसदी ग्लोबल हिस्सेदारी के साथ बाजार पर हावी रहा. जबकि अमेरिका की 13 फीसदी ग्लोबल हिस्सेदारी रही. इसके साथ ही भारत ने इस मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया.  ईवाई इंडिया (EY India) की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों में इनसका खुलासा हुआ है. 

ग्लोबल मार्केट में भारत के आईपीओ की हिस्सेदारी  

भारत 2024 की तीसरी तिमाही में कुल लिस्टिंग में 36 प्रतिशत वैश्विक हिस्सेदारी के साथ बाजार पर हावी रहा. भारत 13 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अमेरिका से आगे निकल गया. ईवाई इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार का शानदार प्रदर्शन इस साल अब तक के आईपीओ रिटर्न से और अधिक स्पष्ट होता है, जो बीएसई सेंसेक्स के 14.9 प्रतिशत रिटर्न से काफी बेहतर है. 2024 की तीसरी तिमाही में भारतीय मुख्य बाजार में 27 आईपीओ आए, जबकि पिछली तिमाही में 13 आईपीओ आए थे.  2024 की तीसरी तिमाही में मुख्य बाजारों से जुटाई गई रकम 4.285 अरब डॉलर थी, जबकि 2024 की दूसरी तिमाही में यह 1.992 अरब डॉलर थी.    

क्या है रिपोर्ट में 

ईवाई इंडिया के इंडिया मार्केट लीडर प्रशांत सिंघल ने कहा  भारत के आईपीओ बाजार में यह तेज गति हमारे पूंजी बाजारों की बढ़ती परिपक्वता और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दिखाती है. हम घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों दोनों की मजबूत भागीदारी देखना जारी रखते हैं. भारत पब्लिक होने की इच्छा रखने वाली कंपनियों के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.  

 

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