Income Tax Rules: उम्र 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम है तब भी आप 3 लाख सालाना से ज्यादा की आय पर टैक्स ब्रेकिट में आ जाते हैं. इस उम्र के लोगों के लिए आयकर से छूट की सीमा 3 लाख तक है. यानी 3 लाख से ज्यादा की आमदनी पर आपको टैक्स देना होगा.
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Income Tax Return: आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया लगातार चल रही है. एक करोड़ से ज्यादा लोग आईटीआर फाइल कर चुके हैं. आप भी 31 जुलाई तक वित्तीय वर्ष 2022-23 का आईटीआर फाइल कर सकते हैं. अगर आप किसी भी कारण आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख चूक जाते हैं तो आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है. इस बार आपको यह जानना भी जरूरी है कि कुछ लोगों को आईटीआर फाइल करने में 2.5 लाख रुपये की एक्स्ट्रा छूट भी मिलेगी.
2.5 लाख से शुरू होता है टैक्स ब्रेकेट
आमतौर पर पुरानी टैक्स रिजीम के तहत यदि किसी की उम्र 60 साल या इससे कम है तो सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर आपको नियमानुसार टैक्स देना होता है. यानी ढाई लाख रुपये सालाना से ज्यादा की आय पर आपको आयकर देना होता है. वित्त मंत्रालय के नियमानुसार 2.5 लाख से 5 लाख रुपये सालाना की आमदनी पर 5 प्रतिशत टैक्स कटता है. इस बारे में वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान घोषणा की थी.
50 हजार रुपये की एक्स्ट्रा छूट
अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम है तब भी आप 3 लाख सालाना से ज्यादा की आय पर टैक्स ब्रेकिट में आ जाते हैं. इस उम्र के लोगों के लिए आयकर से छूट की सीमा 3 लाख तक है. यानी 3 लाख से ज्यादा की आमदनी पर आपको टैक्स देना होगा. इस उम्र के लोगों को ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सरकार की तरफ से 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट दी जाती है.
इन लोगों को 2.5 लाख की एक्स्ट्रा छूट
कुछ लोगों को Very Senior Citizen की कैटेगरी में भी रखा गया है. इस कैटेगरी में 80 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोग शामिल होते हैं. 80 साल या इससे ज्यादा की उम्र वाले लोगों को टैक्स दाखिल करने में एक्स्ट्रा छूट भी दी गई है. इस आयु सीमा के लोग पांच लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर ही टैक्स ब्रैकेट में आते हैं. यही कारण है कि सामान्य टैक्सपेयर्स की तुलना में इन लोगों को 2.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिल जाती है.
इसके अलावा उदाहरण के लिए यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है और आप आयकर छूट के तहत 5 लाख रुपये तक का क्लेम कर देते हैं तो बाकी बची 5 लाख की आय पर आपको शून्य टैक्स देना होगा. हालांकि आपकी टैक्सेबल इनकम ढाई लाख बनती है लेकिन इस पर 12500 रुपये की छूट होने के कारण आपको शून्य टैक्स देना होता है.