FM Nirmala Sitharaman Update: अमेरिका में बैंकों की विफलता और क्रेडिट सुइस द्वारा सामना किए जा रहे संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा फैसला लिया है.
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FM Nirmala Sitharaman: अमेरिका में बैंकों की विफलता और क्रेडिट सुइस द्वारा सामना किए जा रहे संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा फैसला लिया है. वित्त मंत्री ने 25 मार्च को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मिलने का फैसला किया है. भारत में आने वाले समय में इस तरह की स्थितियां न हो इसी को ध्यान में रखने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. बजट पेश होने के बाद बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री की यह पहली बैठक होगी.
किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
आपको बता दें सूत्रों के मुताबिक, बजट में जिन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है उन पर चर्चा होने की संभावना है. इसके साथ ही देश की आर्थिक गतिविधियों पर भी फोकस रहेगा. सूत्रों ने कहा कि सीतारमण एग्रीकल्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ऋण प्रवाह की समीक्षा भी कर सकती है.
फेड रिजर्व ने बढ़ाई ब्याज दरें
ग्लोबल लेवल पर मौद्रिक सख्ती पर बढ़ती चिंताओं के बीच यह बैठक हो रही है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 22 मार्च को ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी के कुछ दिनों बाद ही बैंकिंग संकट के बावजूद उच्च मुद्रास्फीति को कम करने के लिए आयोजित किया जा रहा है.
वित्त मंत्री लेंगी बड़ा फैसला
बैठक में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत निर्धारित राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों द्वारा प्राप्त लक्ष्यों की भी समीक्षा की जाएगी. जैसे कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और मुद्रा योजना आदि. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री अन्य मुद्दों के अलावा गैर-निष्पादित संपत्तियों, ऋण वृद्धि और परिसंपत्ति गुणवत्ता की भी समीक्षा करेंगी.
केसीसी समेत कई मुद्दों पर होनी है बात
एक सूत्र ने बताया कि इस बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) और आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में बैंकों ने कितनी प्रगति की है इसका जायजा लिया जाएगा.
बजट के बाद होगी पहली बैठक
बजट 2023-24 के बाद यह पहली पूर्ण समीक्षा बैठक है. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में वित्त मंत्री कर्ज वृद्धि, परिसंपत्ति गुणवत्ता, अगले वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने और कारोबार वृद्धि की बैंकों की योजना की भी समीक्षा करेंगी.
एजेंसी - भाषा
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