NPS News: एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपनी रिटायरमेंट सेविंग पर नियंत्रण रखने और व्यवस्थित निवेश योजना से लाभ उठाने का अधिकार देती है. नई व्यवस्था के तहत ग्राहक अपने अंशदान को ट्रांसफर करने के लिए यूपीआई क्यूआर कोड यूज कर सकेंगे.
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NPS Contribution News: अगर आप भी एनपीएस (NPS) सब्सक्राइबर हैं तो पेंशन फंड नियामक (PFRDA) की तरफ से नई सुविधा शुरू की गई है. पीएफआरडीए ने एनपीएस में निवेश करने वाले सब्सक्राइबर्स को यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) क्यूआर कोड के जरिये अपना निवेश करने की परमिशन दी है. पीएफआरडीए की तरफ से एक बयान में कहा गया कि इस कदम का मकसद निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाना है. इससे एनपीएस अकाउंट खुलवाने वाले निवेशकों के लिए सिस्टम को ज्यादा आसान और बेहतर बनाया जा सकेगा.
यूपीआई क्यूआर कोड से हो सकेगा निवेश
एनपीएस ऐसे लोगों के लिए लंबे समय से एक विश्वसनीय बचत का साधन रही है जो अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं. इसमें कहा गया कि पीएफआरडीए (PFRDA) की यह पहल एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अपनी रिटायरमेंट सेविंग पर नियंत्रण रखने और व्यवस्थित निवेश योजना से लाभ उठाने का अधिकार देती है. नई व्यवस्था के तहत ग्राहक अपने अंशदान को ट्रांसफर करने के लिए यूपीआई क्यूआर कोड यूज कर सकेंगे.
अभी सब्सक्राइबर्स को डी-रेमिट का यूज करके सीधे बैंक अकाउंट के जरिये निवेश करने का विकल्प दिया जाता है. डी-रेमिट आईडी में 15 डिजिट होते हैं, जिन्हें ग्राहकों के सेविंग बैंक अकाउंट से वॉलिंटियर कॉन्ट्रीब्यूशन ट्रांसफर करते समय इंटरनेट बैंकिंग में लाभार्थी के रूप में जोड़ना होता है. पीएफआरडीए की तरफ से जारी सर्कुलर के अनुसार, 'डी-रेमिट ऑप्शन को निवेशक यूज करते हैं. अब तक अलग-अलग करीब 10 लाख डी-रेमिट आईडी बनाए गए हैं.
एनपीएस सब्सक्राइबर्स डी-रेमिट बेस्ड क्विक रिस्पांस (QR) कोड के जरिये एनपीएस अकाउंट में निवेश कर सकते हैं. ग्राहक क्यूआर कोड को स्कैन करके किसी भी यूपीआई-एनेबल एप्लिकेशन का उपयोग करके निवेश कर सकते हैं. क्यूआर कोड हर ग्राहक के लिए अलग होगा, जिसे भुगतान करने के लिए ऑफलाइन आप सेव कर सकते हैं. पीएफआरडीए के सर्कुलर के अनुसार क्यूआर कोड टियर I और टियर II के लिए अलग-अलग हैं.