Inflation Rate: बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने पिछले साल से रेपो रेट में कुल छह बार में 2.50 प्रतिशत का इजाफा किया गया. हालांकि इस साल फरवरी से रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई.
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RBI Governor on Inflation Rate: ब्याज दर पिछले करीब एक साल से रिकॉर्ड लेवल पर चल रही हैं. महंगाई से राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इजाफा किया. इसका असर बैंकों की तरफ से दिये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर भी साफ देखा गया. निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर बढ़ा दीं. अब आरबीआई (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेंगी और समय ही बताएगा कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेंगी.
फरवरी से रेपो रेट में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं
मौजूदा जियो-पॉलिटिकल संकट के मद्देनजर, दुनियाभर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने बढ़ती महंगाई दर से निपटने के लिए प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ा दी हैं. हालांकि महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने इस साल फरवरी से रेपो रेट में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है. रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार है. इससे पहले पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.
‘कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023’ में एक सवाल के जवाब में गवर्नर ने कहा, ‘ब्याज दर फिलहाल ऊंची रहेगी, (कब तक) यह तो समय ही बताएगा.’ दास ने कॉन्क्लेव में इस बात पर भी जोर दिया कि एमपीसी को सक्रिय रूप से महंगाई पर लगाम लगाने वाली होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके ऐसा होने से ही जुलाई में 7.44 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से मुद्रास्फीति में गिरावट सुचारू रूप से जारी रही. दास ने कहा कि मौद्रिक नीति हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है और इसमें आत्मसंतुष्ट होने की कोई बात नहीं है.