Reserve Bank of India: केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘किसी भी हस्तक्षेप की स्थिति में यदि ग्राहक एप्लिकेशन बंद कर देता है, तो सत्र समाप्त कर दिया जाएगा. और प्रभावित लेनदेन का समाधान किया जाएगा या उसे वापस कर दिया जाएगा.’
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Digital Payment Security: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेमेंट सिस्टम को बेहतर करने के मकसद से कदम उठाया है. आरबीआई की तरफ से कहा गया कि नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम से जुड़े ऑपरेटर को संदिग्ध लेनदेन गतिविधियों की पहचान और इस बारे में सतर्क करने के लिए वास्तविक समय पर धोखाधड़ी निगरानी उपाय करने होंगे. गैर-बैंक पीएसओ के लिए साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल पेमेंट सुरक्षा नियंत्रण पर जारी ‘मास्टर’ यानी मूल दिशानिर्देश के अनुसार इसके साथ ही गैर-बैंक भुगतान व्यवस्था से संबद्ध परिचालकों (PSO) को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल एप्लिकेशन का यदि उपयोग नहीं हो रहा हो तो एक निश्चित अवधि के बाद वह खुद-ब-खुद बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगइन करने की जरूरत पड़े.
30 जुलाई से प्रभावी हुआ आदेश
यह आदेश एक दिन पहले से ही प्रभावी हो गया है. लेकिन आरबीआई ने पीएसओ को जरूरत अनुपालन संरचना तैयार करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के मकसद से सिस्टेमेटिक तरीके से क्रियान्वयन भी निर्धारित किया है. आरबीआई (RBI) ने कहा कि निर्देशों का मकसद साइबर मजबूती पर जोर के साथ पूरी सूचना सुरक्षा तैयारियों के लिए एक रूपरेखा प्रदान कर पीएसओ की भुगतान व्यवस्था सुरक्षा में सुधार करना है.
प्रभावित लेनदेन का समाधान किया जाएगा
आरबीआई (RBI) ने मोबाइल भुगतान के संबंध में कहा कि पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहक के साथ बातचीत के दौरान एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल के साथ प्रमाणित सत्र बरकरार रहे. केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘किसी भी हस्तक्षेप की स्थिति में यदि ग्राहक एप्लिकेशन बंद कर देता है, तो सत्र समाप्त कर दिया जाएगा. और प्रभावित लेनदेन का समाधान किया जाएगा या उसे वापस कर दिया जाएगा.’
इसके अलावा, पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निष्क्रियता की एक निश्चित अवधि के बाद मोबाइल एप्लिकेशन पर ऑनलाइन सत्र खुद-ब-खुद बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगिन करने करने की जरूरत पड़े. आरबीआई ने कहा कि कार्ड नेटवर्क को कार्ड, बैंक पहचान संख्या (बीआईएन) के साथ-साथ कार्ड जारीकर्ता स्तर पर लेनदेन सीमा को क्रियान्वित करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.