Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में वोटिंग में चार दिन बचे हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे (Batenge Toh Katenge) पर सियासी पारा हाई है. विपक्ष की बात छोड़ भी दें तो खुद महायुति के कुछ नेता इससे दूरी बनाए हुए हैं. क्या इस नारे से खुद बीजेपी (BJP) को बांट दिया है?
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Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में यूपी सीएम के एक नारे पर बीजेपी और महायुति की एक राय नहीं बन पा रही है. ऐसे में क्या योगी का नारा बीजेपी को लोकसभा चुनावों की तरह बैकफायर या मिसफायर तो न कर जाएगा. यूं तो पूरे महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिये गये नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है. इसके साथ ही इसी नारे पर सियासत भी तेज हो गई है. दरअसल, इस नारे पर महायुति तो छोड़िये खुद कुछ बीजेपी नेता इससे असहज दिख रहे हैं. इस नारे को लेकर उनके बीच ही तकरार है. कोई इसे सही बता रहा है तो किसी का कहना है ऐसे नारों की कतई जरूरत नहीं है. बटेंगे तो... पर किसकी क्या राय है, आइए बताते हैं.
बटेंगे तो कटेंगे... का नारा महायुति सहयोगी एनसीपी की नाराजगी बढ़ाने के बाद अब भाजपा में नाराज़गी पैदा करने के साथ दरार डाल रहा है. NCP अध्यक्ष और डिप्टी सीएम अजीत पवार के बीड में ये कहने के ऐसा नारा महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा, इस बयान पर भाजपा के 2 बड़े चेहरों- एमएलसी पंकजा मुंडे और राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण ने आपत्ति जताई है.
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे का कहना है कि मेरी राजनीति अलग है. मैं इस नारे का सिर्फ इसलिए समर्थन नहीं करूंगी क्योंकि मैं और योगी आदित्यनाथ दोनों एक ही पार्टी से हैं. मेरा मानना है कि हमें केवल विकास के लिए काम करना चाहिए. हालांकि दरार की खबरें उड़ी तो उनकी सफाई भी आई. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया.
इसके बाद अशोक चह्वाण ने बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी. उन्होंने भी एक टीवी चैनल से कहा, "यह 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा बीजेपी ने नहीं दिया है, यह किसी तीसरी पार्टी से आया है. उसी दिन एक न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में, पूर्व सीएम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के इन शब्दों की कोई प्रासंगिकता नहीं थी. मुझे नहीं लगता कि लोग इसकी सराहना करेंगे. मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसे नारों के पक्ष में भी नहीं हूं.
बीजेपी की सफाई
इस एपिसोड को लेकर महाराष्ट्र से आने वाले बीजेपी नेता और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने शुक्रवार को कहा, 'यूपी सीएम ने जो कहा, उसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है. 'बटेंगे तो कटेंगे' एक हकीकत है. कश्मीर में पंडित एकजुट नहीं थे और उन्हें इसकी भारी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. उनके परिवार की महिलाओं के साथ बलात्कार जैसा घिनौना अपराध हुआ.
महाराष्ट्र का सियासी समीकण
हाल के लोकसभा चुनाव में, महायुति धुले में पांच विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थी, लेकिन मालेगांव क्षेत्र में उसे झटका लगा था. तावड़े ने कहा कि जाति आधारित विभाजन देश के हित के लिए हानिकारक है. महाराष्ट्र में चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी के नारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अगर देश बंट जाता है, तो दूसरे फायदा उठाते हैं। इसलिए, हम भी कह रहे हैं, 'एक है तो सुरक्षित है'.
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी भाजपा और सहयोगी राकांपा में आदित्यनाथ के नारे के प्रति नापसंदगी या नाराजगी की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हो सकता है वो इस नारे का सही मतलब न समझ पाए हों. महायुति गठबंधन एकजुट है.