लीडरशिप सम्मेलन के पहले संस्करण में चीफ गेस्ट के तौर पर पहुंचे भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मेरे बड़े भाई और गुरु की तरह हैं. मैं जब भी उनसे मिलता हूं तो खुशी से झूम उठता हूं और प्रेरित होता हूं.
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नई दिल्ली के भारत मंडपम में सोल लीडरशिप सम्मेलन के पहले संस्करण में चीफ गेस्ट के तौर पर आए भूटान के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मैं दुनिया के सबसे महान नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेतृत्व के बारे में सीखूंगा. पीएम मोदी जी, मैं आपमें एक बड़े भाई की छवि देखता हूं, जो हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते हैं और मेरी मदद करते हैं.
भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने भाषण के दौरान कहा,'मैं पहले ही यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैंने लीडरशिप के बारे में कोई ट्रेनिंग नहीं ली है, मैं इसके लिए शायद ही योग्य हूं, मैं यहां एक स्टूडेंट के तौर पर आया हूं. यह एक बेहतरीन मौका है क्योंकि मैं दुनिया के सबसे महान नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेतृत्व के बारे में सीखूंगा.'
#WATCH | Delhi: At the SOUL Leadership Conclave, Bhutan PM Tshering Tobgay says, "I want to make it clear from the very beginning that I have no lessons about leadership, I am hardly qualified for it, I have come here as a student...This is an ideal opportunity because I will be… pic.twitter.com/TNqGn5yiU1
— ANI (@ANI) February 21, 2025
दाशो शेरिंग तोबगे ने आगे कहा,'पीएम मोदी जी, मैं आपमें एक बड़े भाई की छवि देखता हूं, जो हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते हैं और मेरी मदद करते हैं. प्रधानमंत्री जी मेरे बड़े भाई हैं. आपने अपनी काबिलियत, साहस और दयालु नेतृत्व से भारत को सिर्फ 10 वर्षों में प्रगति के पथ पर अग्रसर कर दिया है.' तोबगे ने पीएम मोदी को अपना 'गुरु और बड़ा भाई' बताया और कहा कि जब भी वह उनसे मिलते हैं तो उन्हें एक लोक सेवक के रूप में और भी ज्यादा मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि जब भी मुझे आपसे मिलने का मौका मिलता है तो मैं खुशी से झूम उठता हूं.
भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा,'नेतृत्व का मतलब उपाधि या पद नहीं होता. इसका मतलब दूरदृष्टि होता है. इसका मतलब साहस होता है. इसका मतलब बदलाव लाने की क्षमता होती है. इसका मतलब समाज को आज जहां खड़ा है, वहां से आगे ले जाना और उसे ऐसे भविष्य की ओर ले जाना होता है जो सभी के लिए ज्यादा खुशहाल और ज्यादा शांतिपूर्ण हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया. 21 से 22 फरवरी तक चलने वाला दो दिवसीय SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव एक प्रमुख मंच के रूप में काम करेगा, जहां राजनीति, खेल, कला और मीडिया, आध्यात्मिक दुनिया, सार्वजनिक नीति, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के नेता अपनी प्रेरक जीवन यात्राएं साझा करेंगे और नेतृत्व से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करेंगे.