Demat Account: ‘नॉमिनी’ या नामित व्यक्ति से आशय उस व्यक्ति से है जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में होता है और संबंधित व्यक्ति का अचानक निधन होने पर वह बैंक खाते में जमा या निवेश राशि पाने का हकदार होता है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुलाई, 2021 में सभी मौजूदा पात्र कारोबारी और डीमैट खाताधारकों से 31 मार्च, 2022 तक नामित व्यक्ति के बारे में अपना विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था.
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SEBI: शेयर मार्केट में कारोबार करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है. वहीं शेयर मार्केट की हलचल को सेबी भी मॉनिटर करता है. इस बीच पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अहम ऐलान किया है. सेबी ने डीमैट खाताधारकों को राहत दी. इसके तहत मौजूदा डीमैट खाताधारकों के लिए ‘नॉमिनी’ का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिए समयसीमा सितंबर अंत तक बढ़ा दी गई है. पहले यह समयसीमा 31 मार्च, 2023 थी. हालांकि अब इस समयसीमा में इजाफा कर दिया गया है.
डीमैट खाताधारक
दरअसल, ‘नॉमिनी’ या नामित व्यक्ति से आशय उस व्यक्ति से है जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में होता है और संबंधित व्यक्ति का अचानक निधन होने पर वह बैंक खाते में जमा या निवेश राशि पाने का हकदार होता है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुलाई, 2021 में सभी मौजूदा पात्र कारोबारी और डीमैट खाताधारकों से 31 मार्च, 2022 तक नामित व्यक्ति के बारे में अपना विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था.
डीमैट अकाउंट
वहीं ऐसा नहीं करने पर कारोबारी और डीमैट खाता बंद हो जाता. बाद में इसे एक साल 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया था. साथ ही, सेबी ने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों से अपने उन ग्राहकों को ऐसे सभी डीमैट खातों में ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजकर ‘नामांकन का विकल्प’ अपडेट करने के बारे में सूचना देने को कहा है, जिन्होंने अबतक विकल्प नहीं चुना है.
नॉमिनी
इसके साथ ही जिन निवेशकों ने एक अक्टूबर, 2021 से नए कारोबारी और डीमैट खाते खोले हैं, उनके पास घोषणापत्र के जरिए नॉमिनी का नाम देने या इससे हटने का विकल्प है. ऐसे में अब अगर किसी को ‘नॉमिनी’ का नाम देना है या फिर इस विकल्प को हटाना है तो इसके लिए सितंबर अंत का वक्त सेबी की ओर से दिया गया है.
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