What is Unified Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों की लंबी मांग के बाद सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है. 1 अप्रैल से लागू होने वाली यह पेंशन पहले से चल रही ओपीएस और एनपीएस से कितनी अलग है और किसमें कर्मचारियों को ज्यादा फायदा है. आइए जानते हैं?
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UPS vs NPS vs OPS: देशभर के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम को (OPS) को बहाल करने की मांग कर रहे थे. लोकसभा चुनाव से पहले तत्कालीन पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया था. लेकिन केंद्र ने इसकी बहाल से इंकार कर दिया है. लेकिन केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को मान लिया था जिसमें न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव करके इसके तहत गारंटी देने की मांग की जा रही थी. अब इस पर मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लॉन्च कर दिया है. इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा.
50% पेंशन पाने के लिए क्या है प्रावधान
नई पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों में एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा. लेकिन यह फायदा तब ही मिलेगा जब किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल काम किया हो. इसके अलावा भी नई पेंशन योजना के तहत अलग-अलग फायदे मिलते हैं. जैसे इसमें गारंटीड पेंशन, गारंटीड फैमिली पेंशन, गारंटीड मिनिमम पेंशन, इंडेक्सेशन लिंक्ड इंफ्लेशन और ग्रेच्युटी के अलावा अतिरिक्त भुगतान. लेकिन आपको यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), न्यू पेंशन योजना (NPS) और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के बीच का अंतर पता होना चाहिए. आइए जानते हैं कर्मचारी को किसमें ज्यादा फायदा है?
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के फायदे
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाना तय है. ओपीएस (OPS) में जनरल प्राविडेंट फंड (GPF) का भी प्रावधान है. इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी के एक तय हिस्से का निवेश कर सकता है, जो कि उसे रिटायरमेंट के समय ब्याज के साथ वापस मिलता है. ओपीएस के तहत कर्मचारी ज्यादा से ज्यादा 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी पाने का हकदार है. ओपीएस में कर्मचारी को पेंशन सरकारी खजाने से दी जाती है. रिटायर कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार को पेंशन का फायदा मिलता है. नौकरी के दौरान ओपीएस के लिए कर्मचारी की सैलरी से किसी प्रकार की कटौती नहीं होती. इसके अलावा इसमें हर छह महीने में महंगाई राहत (DR) मिलने का भी प्रावधान है, जिससे बढ़ती महंगाई से राहत मिलती है.
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न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत क्या प्रावधान?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) (दोनों को मिलाकर) का 10% पेंशन निधि के लिए काटा जाता है. इसके अलावा इसमें बेसिक सैलरी का 14 प्रतिशत योगदान सरकार की तरफ से किया जाता है. न्यू पेंशन स्कीम शेयर मार्केट से लिंक्ड है जिसका सीधा सा मतलब है कि सरकारी कर्मचारी की पेंशन सीधे बाजार के उतार-चढ़ाव पर डिपेंड करती है. यह पूरी तरह से रिस्क फ्री नहीं है. इसमें मिलने वाली राशि पर टैक्स का भी प्रावधान है. रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्त करने के लिए एनपीएस (NPS) का 40% एन्युटी में निवेश किया जाना चाहिए. एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन की पेशकश नहीं की जाती, जिसको लेकर सरकारी कर्मचारियों का विरोध लंबे समय से चला आ रहा है. आपकी पेंशन कितनी होगी, यह आपके फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. OPS से उलट NPS में रिटायरमेंट के बाद महंगाई भत्ता (DA) का एडजस्टमेंट नहीं मिलता.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को समझिए
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में पेंशन की फंडिंग के लिए जिम्मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी. इसमें सरकार अपनी तरफ से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5 प्रतिशत वहन करेगी. गारंटीड पेंशन स्कीम होने के नाते इसमें कम से कम 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारी न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन पाने के हकदार होंगे. ग्रेच्युटी के अलावा यूपीएस में रिटायरमेंट के समय एकमुश्त पैसा मिलता है. इसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी आखिरी 12 महीने में एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त करने के हकदार होंगे. किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट से पहले मौत हो जाती है तो फैमिली पेंशन के तौर पर पति या पत्नी को 60% पेंशन दी जाएगी. यूपीएस के तहत इंफ्लेशन इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा, जो कि महंगाई भत्ते की ही तरह है. इसमें गारंटीड पेंशन, फैमिली पेंशन और मिनिमम पेंशन को महंगाई दर के अनुसार एडजस्ट किया जा सकेगा. नौकरी के हर छह महीने के लिए कर्मचारियों को एकमुश्त भुगतान के रूप में अपनी मंथली सैलरी (वेतन + DA) का 1/10 हिस्सा प्राप्त होता है.
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किसमें ज्यादा फायदा या किसमें मिलेगा ज्यादा पैसा?
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के बाद अब सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को पेश कर दिया है. लेकिन कर्मचारियों के लिए ज्यादा फायदेमंद कौन सी है इसको लेकर सरकारी कर्मचारियों से लेकर आम आदमी तक के बीच बात हो रही है. आपको बता दें यूपीएस (UPS) एनपीएस (NPS) के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है यह तो तय है. फोरम ऑफ एमसीडी इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश शर्मा का कहना है कि यह कर्मचारियों के लिए एनपीएस से कई मायनों में बेहतर है. पहले पेंशन स्कीम के तहत वॉलंट्री रिटायरमेंट कम से कम 20 साल की नौकरी पर था लेकिन इसमें इसे घटाकर 10 साल कर दिया गया है. ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को जीपीएफ के तौर पर एक बड़ा अमाउंट मिलता है.