Wheat shortage: आने वाले दिनों में आपकी थाली की रोटी और महंगी होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि ओपन मार्केट में गेंहू रिकॉर्ड भाव पर बेचा जा रहा है. जिससे मिल मालिक भी आटे के दाम बढ़ा रहे हैं.
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Today atta price: सरकार ने पहले से ही गेंहू के निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है. उसके बावजूद भी दाम कम नहीं हुए तो आटे के एक्सपोर्ट को बैन कर दिया, लेकिन फिर भी गेंहू के दाम आसमान पर चढ़ते जा रहे हैं. सिर्फ जनवरी 2023 में ही गेहूं के दाम में लगभग 7 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सरकार ने इस साल MSP 2,125 रुपए प्रति क्विंटल रखा है, लेकिन वर्तमान में थोक मंडी में 3100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव गेहूं बेचा जा रहा है. ऐसे में अगर सरकार ये कदम नहीं उठाती है तो आने वाले दिनों में आटा और महंगा होने वाला है. एक साल में सिर्फ आटा ही 40% महंगा हो चुका है और इसमें रोटी को बनाने की लागत भी जोड़ दी जाए तो लगभग रोटी क दाम में 50% बढ़ चुके हैं.
एक महीने में 20 फीसदी बढ़े भाव
गेहूं के दाम ज्यादा होने से आटा, सूजी और मैदा का भाव भी बढ़ गया है. पिछले महीने भर में लगभग 15 से 20 फीसदी भाव बढ़ चुके हैं. मिल मालिकों को उम्मीद थी कि सरकार ओपन मार्केट में गेहूं की निलामी करेगी, लेकिन अभी तक यह नहीं हुआ. ऐसे में मिल मालिकों ने भी महंगे दाम पर गेंहू खरीदना शुरू कर दिया है. इसी वजह से आटे का भाव बढ़ रहा है.
बफर स्टॉक में है ढेर सारा गेहूं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में सरकारी गोदामों में लगभग 115 लाख टन गेहूं है. बफर स्टॉक की सीमा 74 लाख टन है. ऐसे में ये 41 लाख टन गेहूं ज्यादा है. अगर सरकार 15 दिन में इस गेहूं को ओपन मार्केट में स्कीम के तहत बेच देती है तो गेहूं के दाम स्थिर हो सकते हैं. वहीं अगर बाजार में गेंहू नहीं आता है तो आटे के दाम अभी 5 से 6 फीसदी और बढ़ सकते हैं.
अप्रैल में हो सकता है सस्ता
मार्च-अप्रैल में गेहूं का नया स्टॉक बाजार में आएगा. ऐसे में संभावना है कि उसके बाद गेंहू के भाव कम हो जाएंगे. हालांकि अगर सरकार इससे पहले ही अपना स्टॉक बेचेगी तो भी इसके दाम गिरने शुरू हो जाएंगे.
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