Trainee IAS Officer Salary: यूपीएससी ट्रेनी आईएएस ऑफिसर्स को मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग देता है. जहां उन्हें दो साल तक प्रशासनिक पदों पर प्रभावी ढंग से सेवा करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए तैयार किया जाता है.
Trending Photos
IAS Officer Training: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले और मेरिट लिस्ट में बेहतरीन रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को ही आईएएस ऑफिसर का पद दिया जाता है. वहीं, इन उम्मीदवारों को आईएएस का पद देने से पहले इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे सिविल सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार हो सकें.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा ट्रेनी आईएएस को मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में ट्रेनिंग दी जाती है. यहां उन्हें विभिन्न प्रशासनिक पदों पर प्रभावी ढंग से सेवा करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए आवश्यक नॉलेज, स्किल और वैल्यू से लैस किया जाता है.
फाउंडेशन कोर्स से होती है शुरुआत
आईएएस ट्रेनी की ट्रेनिंग LBSNAA में करीब दो साल तक होती है. ट्रेनिंग की शुरुआत फाउंडेशन कोर्स से होती है, जो IAS सहित सभी सिविल सेवा अधिकारियों के लिए सामान्य है. यह कोर्स लगभग 3 महीने तक चलता है और अधिकारियों को इंडियन पॉलिटिक्स, हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स और करंट अफेयर मामलों जैसे विभिन्न विषयों की व्यापक समझ प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
भारत दर्शन
फाउंडेशन कोर्स पूरा करने के बाद, ट्रेनी IAS को कुछ ग्रुप में डिवाइड कर दिया जाता है और देश की विविध संस्कृति और विरासत का अनुभव कराने के लिए भारत दर्शन पर ले जाया जाता है. वे भारत के राष्ट्रपति जैसे गणमान्य व्यक्तियों से मिलते हैं और उनके काम की गहरी समझ हासिल करने के लिए विभिन्न एग्जीक्यूटिव, डिफेंस और एडमिनिस्ट्रेटिव इंस्टीट्यूट से जुड़ते हैं. दिल्ली में लोकसभा सचिवालय (Bureau of Parliamentary Studies) में एक सप्ताह का कार्यकाल भी भारत दर्शन का हिस्सा है.
यह भी पढ़ें: IAS पूजा खेडकर की ट्रेनिंग पर रोक, समझ लीजिए कैसे शुरू हुआ विवाद; अब तक क्या-क्या हुआ
एकेडमिक मॉड्यूल
उम्मीदवार 15-सप्ताह के एकेडमिक मॉड्यूल के लिए LBSNAA में लौटते हैं, जिसमें पॉलिसी मेकिंग, लैंड मैनेजमेंट, सॉफ्ट स्किल्स, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, नेशनल सिक्योरिटी, ई-गवर्नेंस और अन्य विषयों पर कोर्स शामिल हैं. एक आईएएस ट्रेनी के लिए एक सामान्य दिन सुबह 6 बजे एक्सरसाइज ड्रिल के साथ शुरू होता है, उसके बाद एकेडमिक सेशन होते हैं. शाम के घंटे और छुट्टियां कल्चरल एक्टिविटी, ट्रैकिंग, एडवेंचर स्पोर्ट, घुड़सवारी, स्वयंसेवा, क्रॉस-कंट्री रन और अन्य एक्टिविटी के लिए समर्पित होती हैं.
डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग
इसके बाद प्रोबेशनर्स डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग में लगभग एक साल बिताते हैं, जहां वे किसी खास जिले का हिस्सा बनकर उसके एडमिनिस्ट्रेटिव सेटप का अध्ययन करते हैं. इससे उन्हें विकास संबंधी मुद्दों, चुनौतियों, समाधानों और कार्यान्वयन का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त होता है.
आईएएस ट्रेनिंग फेज 2
फेज 2 में, प्रोबेशनर्स फेज 1 और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग से अपने सीखने के अनुभव साझा करते हैं. वे विभिन्न विकास संबंधी चुनौतियों और मुद्दों पर चर्चा करते हैं और प्रतिष्ठित सब्जेक्ट एक्सपर्ट के साथ स्पेशल सेशन में भाग लेते हैं.
यह भी पढ़ें: Pooja Khedkar: पूजा खेडकर विवादों की रानी.. कभी डॉक्टर, कभी मिस.. IAS तो बड़ी फर्जी हैं!
असिस्टेंट सेक्रेटरी
अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, प्रोबेशनर्स अपने-अपने डेपुटेशन में शामिल हो जाते हैं. हालांकि, हाल के वर्षों में, यह अनुशंसा की गई थी कि सभी आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय सचिवालय में काम करने का कुछ अनुभव होना चाहिए. इसके परिणामस्वरूप, सभी आईएएस प्रोबेशनर्स को अब असिस्टेंट सेक्रेटरी का पद दिया जाता है और वे कुछ महीनों की अवधि के लिए सेंट्रल डेपुटेशन पर संबंधित जॉइंट सेक्रेटरी के अधीन काम करते हैं.
ट्रेनिंग के दौरान आईएएस अधिकारी को कितनी मिलती है सैलरी?
LBSNAA में ट्रेनिंग पीरियड के दौरान एक आईएएस अधिकारी की सैलरी में एक बेसिक स्टाइपेंड और कुछ अलाउंस शामिल होते हैं. LBSNAA में ट्रेनिंग के दौरान आईएएस अधिकारियों को 56,100 रुपये मासिक सैलरी मिलती है. हालांकि, इसमें से मेस और हॉस्टल की फीस काट ली जाती है. सभी फीस और खर्चों में कटौती के बाद, ट्रेनी को आम तौर पर 35,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड मिलता है.