National Flag Day: कब मिला भारत को पहला झंडा? 41 साल में 6 बदलाव के बाद बना आज वाला तिरंगा
Advertisement
trendingNow12347193

National Flag Day: कब मिला भारत को पहला झंडा? 41 साल में 6 बदलाव के बाद बना आज वाला तिरंगा

National Flag Day 2024: भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे को "न केवल हमारे लिए स्वतंत्रता का झंडा, बल्कि इसे देखने वाले सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता का प्रतीक" के रूप में वर्णित किया.

National Flag Day: कब मिला भारत को पहला झंडा? 41 साल में 6 बदलाव के बाद बना आज वाला तिरंगा

Indian Flag: आज ही के दिन, 1947 में, भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया था. यह हमारे इतिहास का एक स्वर्णिम दिन था, और तिरंगे को अपनाना भारत की स्वतंत्र राष्ट्र बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण था. हमें याद है कि इस दिन क्या हुआ था और भारतीय ध्वज किसका प्रतीक है.

सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, 9 दिसंबर 1946 से चल रही भारत की संविधान सभा की बैठक 22 जुलाई 1947 को नई दिल्ली स्थित संविधान भवन में सुबह 10 बजे डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई थी.  संविधान सभा उस समय तक देश के अलग अलग विषयों पर चर्चा कर चुकी थी.

उस दिन की बैठक के लिए बनाई गई लिस्ट में सबसे पहला सब्जेक्ट "पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के बारे में प्रस्ताव" था.  इसके बाद, भारत के पहले प्रधानमंत्री ने निम्न प्रस्ताव रखा: "यह प्रस्तावित किया जाता है कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज गहरे केसरिया (भगवा), सफेद और गहरे हरे रंग का क्षैतिज तिरंगा होगा, तीनों रंग बराबर हिस्से में होंगे. सफेद पट्टी के बीच में, चरखे का प्रतिनिधित्व करने के लिए नेवी ब्लू रंग का एक चक्र होगा. चक्र का डिजाइन सारनाथ के अशोक स्तंभ के आधार पर बने चक्र (चक्र) जैसा होगा."

"चक्र का व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग होगा."
"झंडे की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात सामान्यतः 2:3 होगा."
दिन के अंत में, रिकॉर्ड कहता है, "प्रस्ताव अपनाया गया, पूरी असेंबली खड़ी थी."

1906 में पहला झंडा
देश का पहला ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौक ग्रीन पार्क में फहराया गया था. इस ध्वज के बीच में वन्देमातरम् लिखा था और नीचे दोनों कोनों पर चांद और सूरज बने थे.

1907 में दूसरा झंडा
1907 में झंडा थोड़ा बदल गया इसमें बीच में वंदेमातरम् लिखने का तरीका बदल गया, चांद सूरज की प्लेसिंग और साइज भी बदल गया था. 

1917 में तीसरा झंडा
तीसरे ध्वज को लोकमान्य तिलक और डॉ. एनी बेसेंट ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान फहराया था. इस ध्वज में ब्रिटिश हुकूमत की साफ दिख रही थी. 

8 साल में 10वीं, 13 में ग्रेजुएट और फिर बनीं भारत की सबसे कम उम्र की Phd होल्डर

1921 में चौथा झंडा
1921 में विजयवाड़ा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सेशन के दौरान आंध्र प्रदेश के एक युवक ने यह झंडा बनाकर महात्मा गांधी को दिया था. इसमें लाल हरा और सफेद रंग था. और बीच में चरखा बना हुआ था. 

1931 में पांचवां झंडा
साल 1931 का तिरंगा हमारे आज के तिरंगे से मिलता जुलता था. इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया. 1931 वाले ध्वज में आज के चक्र की जगह चरखा था.

1947 में छठा झंडा
आजादी के बाद राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में राष्ट्रीय ध्वज में से चरखा हटाकर अशोक चक्र लगाया गया. तब से आज तक राष्ट्रीय ध्वज में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

CUET Topper: 'कॉलेज के ग्लैमर से ज्यादा कोर्स को दें प्रायोरिटी', ऐसे की थी तैयारी

Trending news