GK: क्या आपने सुना है कभी ठंडे रेगिस्तान के बारे में? भारत में यहां है ये जगह, जहां पहुंचते हैं लाखों टूरिस्ट
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GK: क्या आपने सुना है कभी ठंडे रेगिस्तान के बारे में? भारत में यहां है ये जगह, जहां पहुंचते हैं लाखों टूरिस्ट

General Knowledge: रेगिस्तान मतलब एक ऐसा इलाका जहां पूरे साल में बहुत ही कम बारिश होती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लद्दाख में सालाना औसतन 25 दिन ही बरसात होती है, जिसमें केवल लगभग 9 mm पानी गिरता है. 

GK: क्या आपने सुना है कभी ठंडे रेगिस्तान के बारे में? भारत में यहां है ये जगह, जहां पहुंचते हैं लाखों टूरिस्ट

General Knowledge: आपने रेगिस्तान के बारे में तो पढ़ा ही होगा. बहुत से लोग वहां घूमने भी जाते हैं. वहीं, एक बड़ी आबादी ऐसी जगहों पर जीवन-यापन भी करती है. भारत में भी मशहूर थार का मरुस्थल है, जो एक गर्म रेगिस्तान है, जिसके बारे में सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपने ठंडे रेगिस्तान के बारे में सुना है? आज हम आपको बताएंगे देश में मौजूद एक ऐसे ही ठंडे रेगिस्तान के बारे में.

हालांकि, इस जगह का के बारे में सभी जानते हैं. हम बात कर रहे हैं लद्दाख की. जी हां, यह पढ़कर आपको शायद आपको इस पर यकीन करना मुश्किल हो रहा होगा, लेकिन यह बिल्कुल सच है. यहां आज हम आपको बताएंगे कि इंडिया के सबसे मशहूर टूरिस्ट प्लेस में से एक लद्दाख कैसे रेगिस्तान हुआ...

जानें किसे कहते हैं रेगिस्तान
इससे पहले की आप पूछे ऐसी कैसे? तो पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर रेगिस्तान कहते किसे कहते हैं, क्योंकि हमने तो यही पढ़ा और जाना है कि उसी इलाके को कहा जाता हैं जहां चारों तरह रेत ही रेत होती है, दूर-दूर तक पानी और हरियाली नहीं होती. 

अगर आप अब तक यही सोच रहे हैं तो बता दें कि रेगिस्तान किसी भी तरह से हो सकता है. इसमें बर्फ भी शामिल है. रेगिस्तान मतलब एक ऐसा इलाका जहां पूरे साल में कुल मिलाकर 25 सेंटीमीटर यानी 9.8 इंच से भी कम बारिश होती है. वैज्ञानिक ऐसी जगह को रेगिस्तान की श्रेणी में गिनते हैं.

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रेनोबल में मौसम विज्ञानी और क्लाइमेटोलॉजिस्ट जोनाथन विली भी रेगिस्तान की इस परिभाषा से एग्री करते हैं. इस तरह लद्दाख रेगिस्तान के क्राइटेरिया में फिट बैठता है. 

यहां होती क्यों है इतनी कम बारिश 
अगर लद्दाख की भौगोलिक स्थिति बहुत अलग है. यह हर तरफ से पहाड़ों से गिरा हुआ है. ऐसे में मानसूनी हवाओं का इस इलाके में पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण यहां बहुत ही कम पानी गिरता है.

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