Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के भरोसेमंद ही पार्टी से नाता तोड़ने लगे हैं. नेताओं में कांग्रेस छोड़ने की होड़ सी लगी हुई है. महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल के बाद अब गुजरात में भी दिग्गजों ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. इससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने अग्रिम पंक्ति के नेताओं में भरोसा खो रही है.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के भरोसेमंद ही पार्टी से नाता तोड़ने लगे हैं. नेताओं में कांग्रेस छोड़ने की होड़ सी लगी हुई है. महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल के बाद अब गुजरात में भी दिग्गजों ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. इससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने अग्रिम पंक्ति के नेताओं में भरोसा खो रही है. महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण, मिलिंद देवरा और अब गुजरात में अर्जुन मोढवाडिया, अंबरीश डेर के इस्तीफे से कांग्रेस की साख हिल सी गई है. आइये जानने की कोशिश करते हैं इन नेताओं की कांग्रेस से दूरी बनाने की वजह क्या है?
गुजरात कांग्रेस में भगदड़!
कांग्रेस छोड़ने का ताजा मामला गुजरात का है. 7 मार्च को राहुल गांधी की न्याय जोड़ो यात्रा गुजरात पहुंचेगी. लेकिन राहुल के गुजरात में कदम रखने से पहले ही कांग्रेस के लिए आज सोमवार को बुरी खबर आई. राज्य में कांग्रेस को अंबरीश डेर के बाद अब बड़ा झटका दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाडिया ने दिया है. अंबरीश डेर के इस्तीफा देने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि पोरबंदर विधायक अर्जुन मोढवाडिया भी भाजपा में शामिल होंगे. अर्जुन मोढवाडिया ने पोरबंदर से विधायक पद से अपना इस्तीफा गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को सौंपा है.
रामलला से दूरी कांग्रेस को पड़ी भारी?
एक तरफ जहां कांग्रेस राहुल गांधी के गुजरात आने की तैयारी कर रही है. वहीं कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस की हालत अंदरखाने बद से बदतर होती जा रही है. क्योंकि मोढवाडिया 4 दिन पहले भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे थे और पांचवें दिन वह अब कांग्रेस में नहीं हैं. अर्जुन मोढवाडिया ने कांग्रेस के अयोध्या मंदिर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से दूरी बनाने के स्टैंड का विरोध किया था. इसके बाद से कहा जा रहा था कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
कांग्रेस पर नहीं रहा यकीन
अंबरीश डेर ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि उन्हें राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस का रुख सही नहीं लगा था. डेर ने कहा की वे मंगलवार को भाजपा में शामिल होंगे. वहीं, मोढवाडिया ने अभी तक अपने अगले कदम की घोषणा नहीं की है. गुजरात ही नहीं कांग्रेस की हालत अन्य राज्यों में भी खराब होती दिख रही है. महाराष्ट्र, गुजरात, असम के अलावा और कई ऐसे राज्य हैं जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी छोड़ चुके हैं.
असम में कांग्रेस को झटका
इससे पहले 28 फरवरी को कांग्रेस को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी और पश्चिम बंगाल कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने झटका दिया था. दोनों ही नेताओं ने काग्रेंस से नाता तोड़ लिया था. असम में गोस्वामी जोरहाट से विधायक थे. उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है. गोस्वामी के बारे में जब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन वह कांग्रेस के एक शक्तिशाली नेता हैं और अगर भाजपा में शामिल होते हैं, तो मैं इसका स्वागत करूंगा.
ममता से दोस्ती पड़ी भारी
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने भी इस्तीफा दिया. उन्होंने पार्टी में सम्मान नहीं मिलने की बात कही थी. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बागची ने कहा था कि शायद लोग अब मुझे पार्टी विरोधी कहेंगे. लेकिन मैं एक बात बार-बार कह रहा हूं कि मैं कांग्रेस के भ्रष्ट टीएमसी से हाथ मिलाने के खिलाफ हूं.
कई दिग्गजों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
इससे पहले असम में कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और बसंत दास ने अपने-अपने पार्टी पदों से इस्तीफा दिया था. इतना ही नहीं इन दोनों ही नेताओं ने भाजपा के विकास एजेंडे का समर्थन भी किया था. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण 13 फरवरी को मुंबई में भाजपा में शामिल हुए थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस को छोड़ने वाले अन्य दिग्गजों में मिलिंद देवरा और बाबा सिद्दीकी भी का नाम भी शामिल है.