Lok Sabha Chunav: पश्चिम बंगाल में तापस रॉय के आने से भाजपा को कितना फायदा? किन सीटों पर बढ़ सकता है वोट शेयर
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Lok Sabha Chunav: पश्चिम बंगाल में तापस रॉय के आने से भाजपा को कितना फायदा? किन सीटों पर बढ़ सकता है वोट शेयर

Tapas Roy BJP News: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस रॉय ने ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा सीनियर नेता रॉय को नॉर्थ कोलकाता सीट से उम्मीदवार बना सकती है. आइए, जानते हैं कि भाजपा के लिए तापस रॉय पर दांव लगाना कितना फायदेमंद हो सकता है?

Lok Sabha Chunav: पश्चिम बंगाल में तापस रॉय के आने से भाजपा को कितना फायदा? किन सीटों पर बढ़ सकता है वोट शेयर

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर तापस रॉय आखिरकार भाजपा में शामिल हो गए. इसके तुरंत बाद उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की 'अराजकतावादी सरकार' को हटाकर शांतिपूर्ण बंगाल बनाना चाहते हैं. तापस रॉय को नॉर्थ कोलकाता लोकसभा सीट से भाजपा के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के विधायक और प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक और प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ राजनेता तापस रॉय को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, भाजपा के बंगाल पर्यवेक्षक मंगल पांडे और  कई नेताओं द्वारा आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल करवाया गया. इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि भाजपा तापस रॉय को नॉर्थ कोलकाता सीट से उम्मीदवार बना सकती है.

शांतिपूर्ण पश्चिम बंगाल बनाने के लिए भगवा खेमे में शामिल हुए तापस रॉय

भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद तापस रॉय ने कहा कि वह शांतिपूर्ण पश्चिम बंगाल बनाने के लिए भगवा खेमे में शामिल हुए हैं. रॉय ने कहा था, “आज से मैं भाजपा परिवार का सदस्य हूं. पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निभाने का प्रयास करूंगा. हम मिलकर बंगाल में शासन कर रही अराजकतावादी (टीएमसी) सरकार को हटाकर शांतिपूर्ण बंगाल का निर्माण करेंगे. मैं ईमानदारी से काम करूंगा. ”

बंगाल विधानसभा में टीएमसी के उप मुख्य सचेतक और दमदम-बैरकपुर जिला के अध्यक्ष

तापस रॉय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष को बारानगर विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उन्होंने संकट के दौरान उनके साथ खड़े नहीं होने का आरोप लगाते हुए टीएमसी छोड़ दी थी. चार बार टीएमसी के साथ और एक बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे तापस रॉय बंगाल विधानसभा में टीएमसी के उप मुख्य सचेतक और दमदम-बैरकपुर जिला के अध्यक्ष थे.

तापस रॉय की साफ छवि और वर्षों के राजनीतिक अनुभव का भी भाजपा को फायदा

तापस रॉय को भाजपा में शामिल किए जाने के बाद बालूरघाट से भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा, “हम तापस रॉय को पार्टी में शामिल करके खुश हैं. हम केवल रॉय जैसे नेताओं को शामिल करने में रुचि रखते हैं, जिनकी न केवल साफ छवि है बल्कि वर्षों का राजनीतिक अनुभव भी है.' वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पूर्व टीएमसी नेता को शामिल करने का निर्णय केंद्रीय पार्टी नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया गया.

कोलकाता और उसके आसपास तापस रॉय का प्रभाव, बढ़ सकता है भाजपा का वोट शेयर

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “तापस रॉय एक छात्र नेता के रूप में अनुभव वाले, आजमाए हुए और भरोसेमंद राजनेता हैं. अपनी पुरानी पार्टी में रहते हुए उन्होंने संगठन से जुड़ीं जिम्मेदारियां भी निभाईं. कोलकाता और आसपास के इलाकों में हमारी पार्टी के कई समर्थक हैं, लेकिन पर्याप्त संख्या में भरोसेमंद नेता नहीं हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए तापस रॉय एक आदर्श राजनेता हैं. हमें कोलकाता और उसके आसपास संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी में उनके जैसे नेता की जरूरत थी. ”

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शांतनु सेन ने कहा- तापस रॉय ने भाजपा के सामने सरेंडर किया

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने तापस रॉय के भाजपा में शामिल होने को लेकर उनकी जमकर आलोचना की. टीएमसी के वरिष्ठ नेता शांतनु सेन ने कहा कि तापस रॉय ने ईडी और सीबीआई जांच से भागने का फैसला किया है. सेन ने कहा, “उन्होंने अपने आदर्शों और विश्वासों के साथ समझौता किया है. उन्होंने उस पार्टी को धोखा दिया है, जिसने उन्हें चार बार विधायक, राज्य मंत्री और बंगाल विधानसभा में पार्टी का उप मुख्य सचेतक बनाया था. उन्होंने भाजपा के सामने सरेंडर कर दिया है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. बंगाल के लोग उनके जैसे विश्वासघाती को माफ नहीं करेंगे.''

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