Dev Anand Film: देव आनंद हिंदी फिल्मों के उन मेकर्स और ऐक्टर में रहे हैं, जो बेहद पढ़े लिखे थे. वे अपनी फिल्मों में प्रयोग करते और नए आइडिया का हमेशा स्वागत करते थे. उनकी एक फिल्म ऐसी भी है, जिसमें आपको 1960 के दौर की पूरी फिल्म इंडस्ट्री नजर आएगी. मौका फिल्म मदर इंडिया के प्रीमियर का था.
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Waheeda Rehman Film: वह दौर गुजर चुका है, जब सिनेमाघरों के बाहर किसी फिल्म की रिलीज पर टिकटों को ब्लैक (Black Marketing) में बेचा जाता था. खिड़की पर 5 रुपये में मिलने वाला टिकट बाहर ब्लैक में 50 रुपये में बिकता था और खरीदने वाले खरीदते भी थे. टिकट ब्लैक करने वाले हीरो की फिल्म आपने नहीं देखी हो तो 1960 में आई फिल्म काला बाजार (Kala Bazar) देखिए. देव आनंद, वहीदा रहमान, नंदा, विजय आनंद (Vijay Anand), चेतन आनंद (Chetan Anand), लीला चिटणीस, मदन पुरी स्टारर यह फिल्म कई मायनों में एक अनूठी थी. सबसे खास तो यही कि काला बाजार में तीनों आनंद भाई फिल्म में साथ आए थे. विजय आनंद फिल्म के राइटर-डायरेक्टर थे.
बजट था टाइट
अपने युवा दिनों में विजय आनंद मरीन लाइन्स के सेंट जेवियर्स कॉलेज (St. Javier's College), मुंबई (Mumbai) में पढ़ने जाते थे. रास्ते में वह अक्सर मेट्रो सिनेमा के बाहर टिकट बेचने वालों को नोटिस करते थे. आगे चलकर उन्हें इसी आइडिये पर फिल्म बनाने का विचार आया. जिसमें फिल्म का हीरो फिल्मों के टिकट बेचकर अमीर बनने के सपने देखता है. वह मुंबई के सिनेमाघरों के बाहर ब्लैक में टिकट बेचता है. देव, विजय और चेतन आनंद ने इस सुपरहिट क्राइम थ्रिलर (Crime Thriller) में अहम भूमिकाएं निभाई. फिल्म में शूटिंग के हिसाब से यूं तो पूरी योजना बन चुकी थी, परंतु बजट कुछ टाइट था. नवकेतन बैनर अपनी फिल्मों को बेहद सटीक और सच्चाई के नजदीक बनाने के लिए जाना जाता था. ऐसे में जरूरी था कि काला बाजार में जब फिल्मों की बात हो रही है, तो ऐसा सीन भी हो जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के तमाम लोग नजर आएं.
रेड कार्पेट इवेंट
जब फिल्म की तैयारी पूरी हो चुकी थी. स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी, तब आनंद भाइयों को पता चला कि निर्देशक महबूब खान अपनी फिल्म मदर इंडिया (1957) का प्रीमियर (Film Premier) मुंबई के मैट्रो सिनेमाहॉल में कर रहे हैं. देव आनंद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने महबूब खान (Mehboob Khan) से मिलकर उनकी फिल्म के प्रीमियर को शूट करने की इजाजत मांगी. फिल्म की कहानी बताई. तब महबूब खान ने आनंद बंधुओं को न केवल मदर इंडिया के भव्य प्रीमियर के रेड कार्पेट इवेंट की शूटिंग करने की अनुमति दी बल्कि काला बाजार में फुटेज (Footage) भी शामिल करने की अनुमति दी. देव आनंद का किरदार और उनका गिरोह सिनेमा हॉल के बाहर ब्लैक में प्रीमियर के टिकट बेचते हुए दिखाई देता है.
सितारों की बारात
मदर इंडिया का यह प्रीमियर आप फिल्म काला बाजार में देख सकते हैं. इस में सितारों की बारात आपको नजर आएगी. निम्मी, नादिरा, गुरु दत्त, गीता दत्त, लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar), किशोर कुमार (Kishore Kumar), कुमकुम, सोहराब मोदी, मोहम्मद रफी (Mohammad Rafi), मुकरी, नादिया, कुमारी नाज, राजेंद्र कुमार, नवाब खान, महबूब खान, याकूब, राज कुमार, नसीम बानो, दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और नरगिस दिखी देते हैं. यह उस दौर में एक अनूठा दृश्य था जिसमें भारत की अब तक की सबसे महान फिल्मों में शुमार मदल इंडिया के प्रीमियर की दुर्लभ झलक थी. ध्यान से देखने पर इसी प्रीमियर में विजय आनंद भी नजर आ जाते हैं. काला बाजार में यह प्रीमियर करीब 5 मिनट तक नजर आता है. यह सीन शूट करने के बाद आनंद बंधु भी हॉल में चले गए थे और सबके साथ मिलकर उन्होंने फिल्म देखी. बॉलीवुड के दर्जनों सितारों को एक साथ पर्दे पर लाने का काम बाद में फिल्म नसीब (1981) में मनमोहन देसाई और फिर ओम शांति ओम (2007) में फराह खान ने किया था.
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