Chavanni alias Sumit Encounter News: उसका नाम चवन्नी था लेकिन उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था. वह अपने साथ अवैध एके- 47 राइफल रखता था और सुपारी मिलते ही किसी को भी छलनी करने में गुरेज नहीं करता था लेकिन मंगलवार को उसका योगी की पुलिस से सामना हो गया.
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Jaunpur Chavanni Encounter News: सिक्कों वाली चवन्नी नहीं जो बंद हो चुकी है. बल्कि यूपी के उस कुख्यात बदमाश चवन्नी की बात जिसके सिर 1 लाख रुपये का इनाम था. इस शातिर बदमाश को यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने आज एनकाउंटर में ढेर कर दिया. सुमित उर्फ मोनू चवन्नी यूपी के मऊ का रहने वाला था और यूपी-बिहार में वारदात किया करता था.
पुलिस के मुताबिक मोनू चवन्नी पर कुल 24 क्रिमिनल केस दर्ज हैं, जिनमें कई केस मर्डर की धाराओं में दर्ज हैं. मोनू चवन्नी सुपारी लेकर हत्या करने के लिए कुख्यात था. इन दिनों शहाबुद्दीन गैंग के लिए काम कर रहा था. वह हत्या के लिए AK-47 राइफल का इस्तेमाल करता था. पुलिस को कई वर्षों से मोनू चवन्नी की तलाश थी. मंगलवार की सुबह यूपी पुलिस और एसटीएफ ने चवन्नी को ढेर कर दिया.
शहाबुद्दीन गैंग के लिए कर रहा था काम
बदमाश चवन्नी को यूपी पुलिस कई बरसों से तलाश रही थी, और पुलिस की तलाश मंगलवार सुबह पूरी हुई. जब पुलिस का चवन्नी से सामना हुआ तो उसकी दहशत हमेशा के लिए मिटा दी गई. मोनू चवन्नी वारदात अंजाम देने के इरादे से अपने दो सहयोगियों के साथ जौनपुर आया था. पुलिस को इसकी ख़बर मिल गई. पुलिस ने उसे बदलापुर कोतवाली इलाके में सुबह के समय घेर लिया तो पुलिस को देख चवन्नी और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और चवन्नी को मौत की नींद सुला दिया.
AK -47 समेत कई हथियार मिले
मुठभेड़ के समय सुपारी किलर मोनू चवन्नी के साथ मौजूद उसके दो साथी भागने में कामयाब हो गए. जिन्हें अब पुलिस तलाश रही है. दूसरी तरफ पुलिस ने मौके से हथियार और बदमाशों की गाड़ी जब्त की है. पुलिस को मौके से एक AK -47 राइफल, 9 एमएम की पिस्टल, भारी मात्रा में कारतूस और एक बोलेरा गाड़ी मिली है. मोनू चवन्नी उत्तर-प्रदेश और बिहार में आपराधिक वारदातें अंजाम देकर दहशत का दूसरा नाम बना हुआ था.
सांसद के प्रतिनिधि का भी किया था मर्डर
इसी साल 5 मार्च को जौनपुर में मोनू चवन्नी ने फायरिंग की थी, फायरिंग करने की मंशा रंगदारी वसूलना था. वर्ष 2014 में चवन्नी ने बलिया में एक कारोबारी और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या की थी. वर्ष 2014 में सिवान में बीजेपी सांसद के प्रतिनिधि श्रीकांत की हत्या हुई थी, इस हत्याकांड में मोनू चवन्नी का नाम सामने आया था.
जुर्म की जिस राह पर मोनू चवन्नी निकल पड़ा था, एक ना एक दिन उसका अंजाम यही होना था. बिहार में भले ही चवन्नी खुद को महफूज समझ रहा था. लेकिन यूपी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है. शायद यही वजह है कि जब कांट्रेक्ट किलर का सामना पुलिस से हुआ, कुछ देर भी टिक नहीं पाया.