IAS Officer Ira Singhal Success Story: इरा बचपन से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग थी. यहां तक कि वे सही से चल भी नहीं पाती थी तो ऐसे में लोग उनका मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि जो खुद अच्छी तरह से चल नहीं पाती, वो समाज को कैसे चलाएगी.
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IAS Officer Ira Singhal Success Story: किसी ने क्या खूब कहा है कि "तकदीर बदल जाती हैं अगर जिन्दगी का कोई मकसद हो, वरना जिन्दगी तो कट ही जाती हैं तकदीर को इल्जाम देते -देते." इस कहावत पर आईएएस ऑफिसर इरा सिंघल (IAS Officer Ira Singhal) पूरी तरह से खरी उतरती हैं. क्योंकि इरा सिंघल ने शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद ना केवल अपने बचपन के सपने को पूरा किया बल्कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर ऑल इंडिया नंबर 1 रैंक हासिल की और आईएएस ऑफिसर का पद प्राप्त किया.
डीएम की कानूनी ताकतों के बारे में सुनकर देखा IAS बनने का सपना
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की रहने वाली इरा सिंघल आज देश की जानी मानी आईएएस ऑफिसर हैं. हालांकि, इस पद तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा था. बता दें इरा का बचपन मेरठ में गुजरा था, जिस कारण उन्होंने अक्सर शहर में कर्फ्यू लगते हुए देखा था. ऐसे में जब उन्होंने लोगों को बातचीत करते हुए सुना, तब उन्हें पता लगा कि कर्फ्यू लगाने का आदेश डीएम (District Magistrate) द्वारा दिया जाता है और उनके पास कई तरह की कानूनी ताकतें होती हैं. बस फिर क्या था, इरा के मन में आईएएस ऑफिसर बनने की इच्छा ने जन्म ले लिया.
लोगो ने कहा जो खुद चल नहीं पाती, वो समाज को कैसे चलाएगी
हालांकि, जब भी इरा अपने आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनने के सपने का जिक्र करती थी तो अक्सर लोग उनका मजाक उड़ाना शुरू कर देते थे. ऐसा इसलिए होता था क्योंकि इरा बचपन से ही शारीरिक रूप से दिव्यांग थी. यहां तक कि वे सही से चल भी नहीं पाती थी तो ऐसे में लोग उनका मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि जो खुद अच्छी तरह से चल नहीं पाती, वो समाज को कैसे चलाएगी.
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Coca Cola और Cadbury जैसी कंपनियों में नौकरी छोड़ शुरू की UPSC की तैयारी
हालांकि, इरा ने कभी भी लोगों द्वारा दिए गए तानों को दिल पर नहीं लिया और पूरी मेहनत और लगन के साथ अपन सपने को पूरा करने की कोशिश में जुट गई. इरा ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्ट्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NSIT) से बी.टेक (B.TECH) और एमबीए (MBA) की पढ़ाई पूरी की.
इसके बाद उन्होंने कोका कोला (Coca Cola) और कैडबरी (Cadbury) जैसी बड़ी पेय पदार्थ कंपनियों के साथ काम किया, लेकिन इस दौरान उनके मन में आईएएस ऑफिसर बनने का सपना लगातार पनप रहा था. ऐसे में उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की ठानी और नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
UPSC क्रैक करने के बावजूद नहीं मिला कोई पद
साल 2010 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास भी कर ली, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें उस साल दिव्यांग होने की वजह से किसी भी सरकारी पद पर नियुक्ति नहीं दी गई. ऐसे में इरा ने हार ना मानते हुए परीक्षा पास करने के बावजूद भी पोस्टिंग न दिए जाने के खिलाफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में अर्जी डाल दी, जिसके बाद करीब 4 साल तक इरा का केस सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में चलता रहा. आखिरकार CAT ने इरा के हक में फैसला सुनाया। 4 साल लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद साल 2014 में इरा सिंघल को हैदराबाद में सरकारी पद पर नियुक्त किया गया. हालांकि, इरा के मन में कुछ और ही चल रहा था.
दूसरी बार में किया ऑल इंडिया टॉप
इरा ने साल 2014 में दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया. इस बार उन्होंने जनरल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप करके अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया और यह साबित भी कर दिया कि वह इस पद की वाकई हकदार है. बता दें कि इरा ने अपने करियर में कुल तीन बार यूपीएससी की परीक्षा पास की है.