Positive Story: ऐसे एक दिन की 'नायक' बनीं यूपी की जागृति, फिल्मी कहानी नहीं मेहनत के दम पर हासिल की ये खास उपलब्धि
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Positive Story: ऐसे एक दिन की 'नायक' बनीं यूपी की जागृति, फिल्मी कहानी नहीं मेहनत के दम पर हासिल की ये खास उपलब्धि

Jagriti Yadav Got opportunity to work as British Diplomat: साल 2017 से 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इस बार इस प्रतियोगिता का छठा संस्करण था, जिसमें जागृति ने जीत दर्ज की. इसके बाद उन्हें भारत में शीर्ष ब्रिटिश राजनयिक के तौर पर काम करने का मौका मिला. 

Positive Story: ऐसे एक दिन की 'नायक' बनीं यूपी की जागृति, फिल्मी कहानी नहीं मेहनत के दम पर हासिल की ये खास उपलब्धि

Jagriti Yadav UK High Commissioner to India for a Day: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. यह शहर अक्सर ही अपनी किसी न किसी खासियत को लेकर चर्चा में रहता है. कभी यहां कपड़ों पर की जाने वाली चिकनकारी को लेकर तो चिकन लजीज पकवानों की बात निकलती है तो यही आकर रुकती है. इस वक्त भी यह शहर बेहद चर्चा में है, लेकिन इस बार इसकी वजह बेहद खास है.

दरअसल, एक बेटी ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है. लखनऊ की जागृति यादव ने सोमवार को बहुत ही खास उपलब्धि हासिल की. 20 वर्षीय जागृति की इस उपलब्धि ने देश-प्रदेश का मान बढ़ाया है. आपको बता दें कि जागृति यादव को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश उच्चायोग की प्रमुख बनाया गया. उन्हें यह उपलब्धि एक कॉम्पीटिशन में जीत हासिल करने के बाद प्राप्त हुई.

कॉम्पीटिशन में मारी थी बाजी
आपको बता दें कि महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर एक कॉम्पीटिशन का आयोजन किया गया था. अगली पीढ़ी की महिलाओं को पथप्रदर्शक के तौर पर सशक्त करने के लिए 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. इस कॉम्पीटिशन को जागृति यादव ने जीती. इसके बाद उन्हें यह शानदार अवसर प्राप्त हुआ.

प्रतियोगिता का था छठा संस्करण
आपको बता दें कि ब्रिटिश उच्चायोग ने इस संबंध में बयान जारी किया.जिसमें कहा कि जागृति 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता की छठी विनर हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2017 से इस कॉम्पीटिशन का आयोजन किया जा रहा है. इस बार इस प्रतियोगिता का छठा संस्करण था, जिसमें जागृति ने जीत दर्ज की. इसके बाद एक दिन के लिए उन्हें भारत में शीर्ष ब्रिटिश राजनयिक के तौर पर काम करने का मौका मिला. 

अनेक कार्यक्रमों में शामिल हुईं जागृति
ब्रिटिश राजनयिक के तौर पर काम करने का समय भले ही 1 दिन का हो, लेकिन यह उपलब्धि बहुत बड़ी है. वहीं,  ब्रिटिश राजनयिक के तौर पर जागृति ने कई महत्वपूर्ण काम किए और विभिन्न राजनयिक गतिविधियों में भी शिरकत कीं. इस दौरान उन्होंने कई हितधारकों के साथ मीटिंग और विभिन्न मुद्दों पर डिस्कशन की अध्यक्षता की.

भारत सरकार के मुख्य पदाधिकारियों से हुईं रूबरू
इस दौरान जागृति यादव को भारत की विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, वेस्ट यॉर्कशायर की मेयर ट्रेसी ब्राबीन और विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशाद प्रेमजी से मिलने की गोल्डन अपॉर्चुनिटी मिली. इसके अलावा उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल में चल रहे जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशन परियोजना को लीड कर रहे अधिकारियों और लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. उच्चायोग के बयान के मुताबिक जागृति ने केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद से भी मुलाकात की. 

इस उपलब्धि से जागृति हैं बेहद खुश​
इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद जागृति ने कहा, "ब्रिटिश उच्चायोग में एक दिन काम करना बौद्धिक स्तर पर प्रेरक अनुभव रहा. पूरा दिन अवसरों से भरा था. इस दौरान बड़े-बड़े कारोबारियों से भी बात करने का मौका मिला. वेस्ट यॉर्कशायर की महापौर और भारत की प्रमुख महिला नेताओं से मिलने और बात करने का मौका मिला. जिनसे उन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों और समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की." वहीं, अपनी इस उपलब्धि से जागृति बेहद खुश हैं.

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