Tanishka Sujit: तनिष्का को प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वोच्च न्यायालय जाने और वहां वकीलों की दलीलें देखने की सलाह दी क्योंकि यह उन्हें उनके लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा.
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Tanishka Sujit: आज हम आपको मध्य प्रदेश के इंदौर की एक उज्ज्वल और मेधावी छात्रा तनिष्का सुजीत के बारे में बताएंगे, जो महज 15 साल की उम्र में बेचलर ऑफ आर्ट्स (BA) के अंतिम वर्ष की परीक्षा देने वाली है और उसका लक्ष्य आगे लॉ की पढ़ाई करना और देश की मुख्य न्यायाधीश बनना है.
बता दें कि तनिष्का सुजीत ने साल 2020 में अपने पिता और दादा को COVID-19 के कारण खो दिया था. वहीं, तनिष्का ने कुछ दिनों पहले ही भोपाल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की थी, जहां पीएम मोदी ने उन्हें अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया था.
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्रा सुजीत ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि वह 19 से 28 अप्रैल तक होने वाली बीए (मनोविज्ञान) अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होगी. बता दें उन्होंने महज 13 साल की उम्र में कक्षा 12वीं पास कर ली थी.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान अध्ययन विभाग की प्रमुख रेखा आचार्य ने कहा कि सुजीत को 13 साल की उम्र में बीए (मनोविज्ञान) प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया था, क्योंकि उसने अपने स्पेशल केस के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ली गई प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था.
संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के लिए 1 अप्रैल को राज्य की राजधानी भोपाल की यात्रा के दौरान सुजीत ने पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात की थी. तनिष्का सुजीत ने कहा कि करीब 15 मिनट तक चली बैठक के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह BA की परीक्षा पास करने के बाद अमेरिका में लॉ की पढ़ाई करना चाहती है और किसी दिन भारत की मुख्य न्यायाधीश बनने का सपना देखती है.
तनिष्का बताती हैं "मेरे उद्देश्य के बारे में सुनने पर, प्रधानमंत्री ने मुझे सर्वोच्च न्यायालय जाने और वहां वकीलों की दलीलें देखने की सलाह दी क्योंकि यह मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा. वहीं, प्रधानमंत्री से मिलना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था."
तनिष्का की मां अनुभा ने कहा कि उनके पति और ससुर की 2020 में कोरोनोवायरस के कारण मृत्यु हो गई, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की खातिर संघर्ष किया और दुःख पर काबू पाया, जो शिक्षाविदों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही.
उन्होंने कहा, "परिवार के दोनों सदस्यों को खोने के बाद, मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था. दो-तीन महीनों के बाद मुझे लगा कि मुझे अपनी बेटी के भविष्य के लिए उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए संघर्ष करना चाहिए."
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