Amitabh Bachchan Birthday: शोले की शूटिंग से पहले हुई पार्टी, धर्मेंद्र के साथ थे अमिताभ-शत्रुघ्न भी; फिर कुछ हुआ ऐसा कि...
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Amitabh Bachchan Birthday: शोले की शूटिंग से पहले हुई पार्टी, धर्मेंद्र के साथ थे अमिताभ-शत्रुघ्न भी; फिर कुछ हुआ ऐसा कि...

Amitabh Bachchan Sholay: कुछ लोगों का मानना है कि हिंदी सिनेमा का इतिहास दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, शोले से पहले और शोले के बाद. अमिताभ बच्चन इस क्लासिक सफलता के हिस्सेदार हैं. लेकिन तब वह सुपरस्टार नहीं थे और फिल्म में जगह बनने का उन्हें बड़े धैर्य से इंतजार करना पड़ा था.

 

Amitabh Bachchan Birthday: शोले की शूटिंग से पहले हुई पार्टी, धर्मेंद्र के साथ थे अमिताभ-शत्रुघ्न भी; फिर कुछ हुआ ऐसा कि...

Amitabh Bachchan Career: अमिताभ बच्चन के करियर को मोड़ देने वाली बड़ी फिल्मों में शोले का नाम शुमार है. हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब फिल्मों में गिनी जाने वाली शोले की कास्टिंग के तमाम किस्से हैं क्योंकि अलग-अलग कलाकारों को समय-समय पर निर्माता-निर्देशक सिप्पी पिता-पुत्र ने एप्रोच किया था. 1975 में रिलीज हुई शोले की तैयारी करीब तीन साल से चल रही थी और उसे लेकर इंडस्ट्री में उत्साह था. फिल्म की योजना बॉलीवुड में सबको पता चल गई थी, मगर कास्टिंग फाइनल नहीं थी. कई बड़े सितारे इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहते है. फिल्म में निर्देशक रमेश सिप्पी बसंती के रोल के लिए हेमा मालिनी (Hema Malini) और वीरू के लिए धर्मेंद्र (Dharmendra) को फाइनल कर चुके थे. फिल्म इतिहास की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि जय के रोल पर जिन कलाकारों की नजर थी, उनमें अमिताभ बच्चन के साथ शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) भी शामिल थे.

‘लंबू’ के बारे में मत सोचना
शोले की शुरुआती सुगबुहाट के बीच सिप्पी परिवार ने फिल्मवालों के लिए घर पर पार्टी रखी थी, जिसमें धर्मेंद्र और हेमा मालिनी से लेकर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर भी आए थे. चर्चा यही थी कि जय के रोल के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को लिया जाएगा. हालांकि अमिताभ का नाम भी चर्चा में था, लेकिन शत्रुघ्न उनसे बड़े स्टार थे. वह आधी रात के करीब पार्टी में पहुंचे थे. जब पार्टी पूरे शबाब पर थी, तब सबकी तस्वीरें भी खींची जा रही थी और ज्यादातर में धर्मेंद्र-हेमा के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन भी थे. लेकिन धीरे-धीरे शत्रुघ्न अपनी मुखरता से आगे आते गए और कुछ तस्वीरों के बाद अमिताभ ने अपने कदम पीछे खींच लिए. कुल मिलाकर पार्टी में तस्वीर ऐसी बनी कि शोले में लीड कलाकार धर्मेंद्र-शत्रुघ्न और हेमा मालिनी रहेंगे. इन्वेस्टर और डिस्ट्रीब्यूटर (Distributor) शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर उत्साहित थे और रमेश सिप्पी से कह रहे थे कि उन्हें ही फिल्म में लें. कुछ डिस्ट्रीब्यूटरों ने रमेश सिप्पी से कहा कि उस ‘लंबू’ के बारे में सोचना भी मत. मुस्कराते हुए रमेश सिप्पी (Ramesh Sippy) ने उस वक्त कोई जवाब नहीं दिया.

बदल गए समीकरण
बताया जाता है कि पार्टी वाले दिन अमिताभ की तबीयत अच्छी नहीं थी और उन्होंने रमेश सिप्पी के घर पर ही कुछ देर आराम किया. जंजीर (1973) रिलीज होने में कुछ महीने बाकी थे. उधर, शत्रुघ्न सिन्हा आश्वस्त थे कि वह शोले में रहेंगे. बाद में रमेश सिप्पी को एहसास हुआ कि वह फिल्म में पहले ही धर्मेंद्र और हेमा मालिनी जैसे दो बड़े सितारों को ले चुके हैं. अब और बड़े सितारों को संभालना मुश्किल होगा. उन्हें चिंता थी कि अगर शत्रुघ्न सिन्हा को भी फिल्म में लिया तो सबके बीच कैसे संतुलन बैठाएंगे. इस बीच अमिताभ ने धर्मेंद्र से अपनी सिफारिश करने को कहा और सबसे अंत में रिलीज होकर जंजीर (Zanjeer) ने धमाका कर दिया. अमिताभ बच्चन की किस्मत चमकाने वाली फिल्म जंजीर सलीम-जावेद (Salim Javed) ने लिखी थी और वही शोले लिख रहे थे. अंततः इस जोड़ी ने अमिताभ के नाम पर अपने वोट दिए.

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