Shahid Kapoor: फिल्में या कहानियां भी सितारों की किस्मत में लिखी होती हैं. यही कारण है कि कोई फिल्म पहले किसी सितारे के पास जाती है और बाद में किसी अन्य के साथ बनती है. सलमान खान की अगली फिल्म के रूप में द बुल (The Bull) चर्चा में है. मगर पहले इस आइडिये पर शाहिद कपूर को काम करना था. जानिए क्या है मामला...
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Salman Khan Next Film: करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस के साथ सलमान खान की फिल्म द बुल की चर्चाएं जोरों पर है. फिल्म का निर्देशन शेरशाह बनाने वाले विष्णुवर्द्धन करेंगे. फिल्म में सलमान भारतीय फौजी के रूप में नजर आएंगे, जो इंटरनेशनल मिशन पर है. द बुल की शूटिंग अगले साल होगी और संभवतः 2025 में इसे रिलीज किया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फिल्म पहले शाहिद कपूर के साथ बनाई जाने वाली थी! द बुल 1988 के उस घटनाक्रम की कहानी है, जिसमें भारतीय सेना के ब्रिगेडियर फारूक बलसारा के नेतृत्व में मालदीव में तख्तापलट होने से रोका गया था. अब्दुल गयूम तब मालदीव के राष्ट्रपति थे. मालदीव के एक विद्रोही व्यवसायी अब्दुल्ला लुत्फी ने उन्हें श्रीलंकाई तमिल अलगाववादियों की मदद से सत्ता से हटाने की साजिश रची थी.
द बुल से पहले बुल
शाहिद कपूर के साथ इस फिल्म की योजना 2021 में कोरोना काल (Covid 19) के दौरान बन रही थी. कबीर सिंह की धांसू सफलता के बाद टी-सीरीज एक बार फिर से शाहिद कपूर के साथ काम करने को लेकर उत्साहित थी. आदित्य निंबालकर फिल्म को डायरेक्ट करने वाले थे. तब इस फिल्म का नाम, बुल रखा गया था. निंबालकर लंबे समय से विशाल भारद्वाज (Vishal Bharadwaj) के सहायक रहे हैं. वह विशाल की कमीने, हैदर और तलवार जैसी फिल्मों से जुड़े थे. शाहिद भी इस एक्शन से भरपूर, बुल को लेकर काफी उत्साहित थे. फिर कोरोना की वजह से फिल्म योजना से आगे बढ़ ही नहीं सकी.
ऐसे बदली बात
कोरोना के बाद बॉलीवुड फिल्मों का मार्केट एकदम नीचे आ गया और इसी दौरान आई शाहिद की जर्सी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही. नतीजा यह कि निर्माताओं ने इस मामले पर बात आगे नहीं बढ़ाई. जर्सी के बाद शाहिद की ब्लडी डैडी ओटीटी पर आई, लेकिन दर्शकों ने इसे भी खास रेस्पॉन्स नहीं दिया. इस बीच फिल्म की चर्चाएं ही खत्म हो गई. वहीं सलमान खान अपनी होम प्रोडक्शन किसी का भाई किसी जान के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बाद कोई अच्छी स्क्रिप्ट ढूंढ रहे थे. वह कोई ऐसा रोल चाहते थे, जो एक्शन से भरपूर हो और देशभक्ति से भरा भी हो. तब उनके पास ब्रिगेडियर बलसारा की यह सच्ची कहानी पहुंची और उन्होंने इस तत्काल हां कह दिया.