BJP Raebareli Mission: भारतीय जनता पार्टी (BJP) मनोज पाण्डेय को रायबरेली से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. बीजेपी मनोज पाण्डेय के जरिए सोनिया गांधी की सीट हथियाने का प्लान बना रही है.
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Raebareli Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ बड़ा खेला हुआ. समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों ने एनडीए को वोट किया. क्रांस वोटिंग के कारण राज्यसभा की 8 सीट पर बीजेपी की जीत हुई. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा के बगावती विधायक मनोज पाण्डेय को बीजेपी लोकसभा का टिकट दे सकती है. भाजपा मनोज पाण्डेय को रायबरेली से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. बीजेपी मनोज पाण्डेय के जरिए सोनिया गांधी की सीट हथियाने का प्लान बना रही है. बता दें कि मनोज पाण्डेय ने राज्यसभा चुनाव के बीच मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया.
यूपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा है मनोज पाण्डेय
यूपी के रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पाण्डेय कद्दावर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं. मनोज पाण्डेय की गिनती सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी नेताओं के रूप में होती थी, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अखिलेश सरकार में मंत्री और 3 बार विधायक रहे मनोज पाण्डेय ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट देने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी.
बीजेपी के लिए क्यों जरूरी हैं मनोज पाण्डेय?
रायबरेली सीट पर कब्जा करने के लिए बीजेपी के लिए मनोज पाण्डेय काफी जरूरी हैं, क्योंकि पार्टी को पहले से ही रायबरेली के लिए एक बड़े ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी. बीजेपी, रायबरेली से मनोज पाण्डेय को उतारकर ब्राह्मण के साथ ही ठाकुर वोट को भी अपने पक्ष में करना चाहती है. मनोज पाण्डेय के बीजेपी के साथ जाने से पार्टी का पलड़ा भारी होगा और साथ ही कांग्रेस की चुनौती बढ़ सकती है.
रायबरेली का जतीय समीकरण?
रायबरेली के जातीय समीकरण पर नजर डालें तो इस सीट पर सबसे ज्याद दलित मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब 34 फीसदी है. इसके बाद दूसरे नंबर पर ब्राह्मण वोट बैंक है, जिनकी संख्या करीब 11 प्रतिशत है. जबकि, ठाकुर वोट करीब 9 फीसदी है. इसके अलावा रायबरेली सीट पर यादव करीब 9 प्रतिशत, मुस्लिम करीब प्रतिशत और अन्य जातियां करीब 23 फीसदी हैं.
रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी की लगातार 5 जीत
रायबरेली, कांग्रेस की पारंपरिक सीट है और सोनिया गांधी लगातार 5 बार जीत दर्ज कर चुकी हैं. सोनिया गांधी ने पहली बार साल 2004 में रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने 2006 (उपचुनाव), 2009, 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुकी हैं. हालांकि, अब इस बार सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया है. लेकिन, पार्टी ने अब तक इसका ऐलान नहीं किया है कि सोनिया की जगह कौन चुनाव लड़ेगा.
रायबरेली में लगातार मजबूत होती बीजेपी
रायबरेली सीट पर बीजेपी लगातार मजबूत हो रही है. साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के आरबी सिंह को सिर्फ 25444 वोट मिले थे, जबकि सोनिया गांधी ने 481490 मत हासिल हुआ था और दूसरे नंबर पर रहे बीएसपी के आरएस कुशवाहा ने 1.09 लाख वोट हासिल किया था. इसके बाद बीजेपी ने 2014 के चुनाव में बीजेपी के वोट प्रतिशत में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और अजय अग्रवाल को 1.73 लाख वोट मिले. वहीं, सोनिया गांधी को को 5.26 लाख वोट मिला और उन्होंने 3.52 लाख के अंतर से जीत दर्ज की. 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा वोट मिले, लेकिन उनका वोट प्रतिशत करीब 8 फीसदी कम हो गया. 2019 में 9.59 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था, जिसमें से 5.34 लाख मत सोनिया गांधी को मिला, जबकि बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह ने 3.67 लाख वोट हासिल किया और उनका मत प्रतिशत 17 प्रतिशत बढ़ गया.
20 बार में 17 बार कांग्रेस ने दर्ज की है जीत
रायबरेली सीट, कांग्रेस का गढ़ है और अब तक हुए 20 लोकसभा चुनाव (3 उपचुनाव) में कांग्रेस ने 17 बार जीत दर्ज की है. जबकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2 बार जीत दर्ज की है और बार रायबरेली सीट जनता पार्टी के खाते में गई है. वहीं, बसपा और समाजवादी पार्टी रायबरेली से खात भी नहीं खोल पाए हैं.
यूपी: राज्यसभा चुनाव में 8 सीटों पर बीजेपी की जीत
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनावों में क्रास वोटिंग के कारण राज्यसभा की 8 सीट पर बीजेपी की जीत हुई. बीजेपी के आरपीएन सिंह ,सुंधाशु त्रिवेदी, तेजवीर सिंह चुनाव जीते हैं. वहीं, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन और संजय सेठ की भी जीत हुई है. समाजवादी पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिली है. जया बच्चन और रामजी लाल सुमन की जीत मिली है. वहीं, तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन की हार हुई है.