हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिति है जो समय के साथ दिल, नसों, किडनी और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहते हैं क्योंकि तब तक कोई खास लक्षण सामने नहीं आते.
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भारत में युवा पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) नामक एक व्यापक लेकिन अक्सर अनदेखी समस्या पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. यह एक साइलेंट बीमारी है, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है. यह स्टोर हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती पता लगाने और कंट्रोल के महत्व पर बल देता है ताकि युवा पुरुषों के लिए हेल्दी भविष्य सुनिश्चित किया जा सके.
हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी स्थिति है जो समय के साथ दिल, नसों, किडनी और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टर इसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहते हैं क्योंकि तब तक कोई खास लक्षण सामने नहीं आते जब तक कि शरीर को काफी नुकसान नहीं पहुंच जाता. आजकल की तनावपूर्ण और बिजी लाइफस्टाइल को देखते हुए, युवा पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ रहा है.
आंकड़ों की कहानी
रूबी हॉल क्लिनिक (पुणे) में कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील साठे ने बताया कि भारत में हाई ब्लड प्रेशर खासकर युवा पुरुषों के लिए एक बढ़ती हुई पब्लिक हेल्थ चिंता है. 2019-2021 के एक नेशनल सर्वे स्टडी में 1.7 मिलियन (17 लाख) लोगों को शामिल किया गया था. अध्ययन में पाया गया कि 28.1% लोगों को हाई ब्लड प्रेशर था, जिनमें से केवल 36.9% को ही इसका पता चला. जिन लोगों को इसका पता चला उनमें से 44.7% ने दवा ली (हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों का 17.7%) और इलाज कराने वालों में से केवल 52.5% (कुल हाई ब्लड प्रेशर वालों का 8.5%) ही अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रख पाए. एक हालिया स्टडी के अनुसार, 35% भारतीयों का ब्लड प्रेशर हाई है.
शुरुआती पता लगाने का महत्व
हाई ब्लड प्रेशर का जल्दी पता लगाना बहुत जरूरी है. भले ही लक्षण न हों, नियमित हेल्थ टेस्ट से ब्लड प्रेशर के हाई लेवल का जल्दी पता लगाया जा सकता है. खासकर युवा पुरुषों को अपने ब्लड प्रेशर की निगरानी के प्रति सतर्क रहना चाहिए. शुरुआती उपचार हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोक सकता है और दिल की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी खराब होने जैसी समस्याओं के खतरे को कम कर सकता है.
अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर के खतरे
अगर हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर के कारण नसें सख्त और मोटी हो सकती हैं, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस नामक स्थिति पैदा हो सकती है. इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. यह गुर्दे को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे क्रोनिक किडनी रोग हो सकता है और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से दृष्टि समस्या या अंधापन हो सकता है. इसके अलावा, अनुपचारित हाई ब्लड प्रेशर समय के साथ मस्तिष्क क्षीणता (brain atrophy) और मनोभ्रंश (demetia) में भी योगदान कर सकता है.