इस गंभीर बीमारी से डिस्टर्ब हो जाती थीं Jacqueline Fernandez, जानिए ये कितनी खतरनाक है? ऐसे कर सकते हैं बचाव
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इस गंभीर बीमारी से डिस्टर्ब हो जाती थीं Jacqueline Fernandez, जानिए ये कितनी खतरनाक है? ऐसे कर सकते हैं बचाव

Jacqueline Fernandez disease: एंग्जायटी इंसान को किन-किन तरीकों से नुकसान पहुंचा सकती है, यह कैसे होती है और कितनी खतरनाक हो सकती है? इसे लेकर हमने मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर विकास खन्ना से खास बातचीत की है.

Jacqueline Fernandez disease

भूपेंद्र राय/ Jacqueline Fernandez disease: किक, रेस 3, हाउसफुल 2 जैसी सुपरहिट फिल्मों के अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकीं जैकलिन फर्नांडीज ने पिछले साल जुलाई में सोशल मीडिया पर खुद की बीमारी का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि वो  पिछले कुछ समय से 'एंजायटी' से जूझ रही हैं. इससे उबरने के लिए उन्होंने योग का सहारा लिया. जिससे उन्हें काफी फायदा मिला.  

जैकलिन ने इंस्टाग्राम पर योग करते हुए एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें लिखा था कि, 'मैं पिछले कुछ हफ्तों से मेजर एंग्जायटी से गुजर रही हूं. हालांकि लगातार योग अभ्यास ने मुझे काफी फायदा पहुंचाया है और यह बेहद जरूरी बात समझाई है कि मौजूदा पल को भरपूर जिएं और जीवन जीने और जिंदा रहने के लिए आभार व्यक्त करना ना भूलें, सभी का दिन बेहतर हो! नमस्ते.' 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एंग्जायटी का खुलासा करने से कुछ दिनों पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी लाइफ के बुरे दौर के बारे में भी बात की थी. उन्होंने कहा था, 'मुझे हमेशा चियरफुल समझा जाता है, लेकिन कुछ सालों पहले मैं भी कई उतार-चढ़ावों से गुजर चुकी हूं. कई बार ऐसा मौका आता था जब मुझे बेवजह रोना आता था. कई बार बिस्तर से उठने का मन ही नहीं होता था. एक अजीब सा सूनापन लगता था, जब आप डिप्रेशन से जूझते हैं तो ही समझ पाते हैं कि इसमें कैसा लगता है. आप इसके लिए तैयारी नहीं कर सकते.'  

आइए जानते हैं कि जिस एंग्जायटी की बीमारी का जैकलिन फर्नांडीस ने सामना किया है वो कितनी खतरनाक होती है.

क्या है एंग्जायटी ? (what is anxiety)
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी एक मानसिक रोग है, जो इंसान को मानसिक रूप से कमजोर बना देती है. ये मस्तिष्क को चोट देने के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी में रोगी को तेज बैचेनी के साथ नकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है. जैसे, अचानक हाथ कांपना, पसीने आना आदि. अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है.

एंग्जायटी होने पर इंसान को कैसा महसूस होता है?
जब कोई इंसान एंग्जायटी से जूझ रहा होता है उस स्थिति में हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है. यह घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) होते हैं. इसके अलावा अलावा उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, अचानक दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है. 

कैसे पता चलेगा कि कोई इंसान एंग्जायटी से पीड़ित है (symptoms of anxiety)
मनोचिकित्स विकास खन्ना कहते हैं कि चिंता कब एक बड़े रोग का रुप ले ले, यह कहना फिलहाल बहुत मुश्किल है, लेकिन यदि कोई ऐसी चिंता है, जो लंबे वक्त से बनी हुई है तो यह निश्चित तौर पर कोई बड़ा रूप ले सकती है. ऐसी स्थिति में आपको फौरन मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट का परामर्श लेना चाहिए. 

वैसे तो एंग्जायटी डिसऑर्डर कईं प्रकार के होते हैं, लेकिन उनके कुछ सामान्य लक्षण हैं. नीचे जानिए उनके बारे में...

  • दिल की धड़कन का बढ़ जाना
  • सांस फूल जाना
  • मांसपेशियों में तनाव का बढ़ जाना
  • छाती में खिंचाव महसूस होना
  • किसी के लिए बहुत ज्यादा लगाव होना 
  • किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना

आखिर क्यों एंग्जायटी का शिकार हो जाते हैं लोग? (cause of anxiety)
डॉक्टर विकास खन्ना कहते हैं कि एंग्जायटी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. 

  1. सबसे पहला कारण छोटी-छोटी बात पर ज्यादा चिंता करने लगना है. 
  2. काम का बोझ, तनाव और ब्रेकअप भी इसका कारण बन सकता है. 
  3. जिन व्यक्तियों के परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएं होती रही हैं, वह इसकी चपेट में आ सकते हैं. 
  4. कई बार लोग पीड़ा, गम, मायूसी, उदासी व तकलीफ को भुलाने के लिए शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं, जो एंग्जायटी की समस्या को और बढ़ा सकता है

कितनी खतरनाक हो सकती है एंग्जायटी?

  1. एंग्जायटी डिसॉर्डर से पीड़ित व्यक्ति की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर बहुत बुरा असर पडता है. 
  2. इससे उसकी रोजमर्रा की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है. 
  3. वो किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता. 
  4. अगर लंबे समय तक यह समस्या रहती हो तो वह डिप्रेशन का रूप ले सकती है. 
  5. ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर व्यक्ति में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ जाती है. 

एंग्जायटी से हम कैसे बच सकते हैं?

  • रोज 30 से 40 मिनट हमें एक्सरसाइज करनी बहुत जरूरी है.
  • एक ही बात से फोकस हटाना जरूरी है.
  • आप म्यूजिक सुन सकते हैं और अपने पसंद के दूसरे काम भी कर सकते हैं. 
  • गहरी सांस एंग्जायटी में बेहद मदद करती है. 

हमेशा के लिए एंग्जायटी से कैसे पाएं छुटकारा?
एंग्जायटी की वजह बनने वाली चीजों से दूरी बना लेना एंग्जायटी से बचने का शॉर्ट टर्म हल है, क्योंकि अगली बार जब आप उस चीज का सामना करेंगे तो आपके सामने वही सायकिल फिर से चलेगी. इसकी जगह आपको करना ये है कि अपने डर का सामना करें, ताकि वो  एक बार में हमेशा के लिए दूर हो जाए. इस तरह से आप अपने डर से बाहर आएंगे और भविष्य में एंग्जायटी होने की संभावना भी नहीं रहेगी.

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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