Delhi New CM: रेखा गुप्ता के चुनाव में संघ की क्या भूमिका रही? RSS ने क्यों बढ़ाया पहली बार असेंबली चुनाव जीती महिला का नाम
Advertisement
trendingNow12653149

Delhi New CM: रेखा गुप्ता के चुनाव में संघ की क्या भूमिका रही? RSS ने क्यों बढ़ाया पहली बार असेंबली चुनाव जीती महिला का नाम

Delhi New CM Rekha Gupta: दिल्ली की नई सीएम के रूप में रेखा गुप्ता के चयन में आरएसएस की अहम भूमिका की बात कही जा रही है. क्या यह सच है. यदि हां तो आखिर संघ ने रेखा गुप्ता का ही नाम क्यों आगे बढ़ाया. 

 

Delhi New CM: रेखा गुप्ता के चुनाव में संघ की क्या भूमिका रही? RSS ने क्यों बढ़ाया पहली बार असेंबली चुनाव जीती महिला का नाम

What Role RSS Play in Rekha Gupta Delhi CM Selection: आखिरकार 11 दिन यानि करीब 265 घंटे बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका खुलासा हो गया. रेखा गुप्ता आज दिल्ली के 10 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी. बीजेपी ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली में फिर से सत्ता पर वापसी की है. बीते 11 दिनों में प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, बिजेंद्र गुप्ता सहित 10 से ज्यादा मुख्यमंत्री के नाम लेकर चर्चा होती रही लेकिन आखिर में रेखा गुप्ता ने बाजी मारी.

बुधवार शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक हुई. बैठक के दौरान विधायकों के फोन बंद करा दिए गए. दरअसल बैठक के दौरान नाम बाहर नहीं जाए इसीलिए फोन बंद करवाए गए थे. बैठक के दौरान सतीश उपाध्याय, प्रवेश वर्मा जैसे कुछ विधायकों के साथ पर्यवेक्षकों ने अलग से बैठक की. बैठक के बाद नामों का ऐलान किया गया. इस बैठक में 48 विधायक, दिल्ली के 7 सांसद, 2 पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़, 3 प्रभारी और सह प्रभारी, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष, दिल्ली महासचिव और संगठन मंत्री दिल्ली मौजूद रहे. इस बैठक के बाद पर्यवेक्षकों की ओर से रेखा गुप्ता के नाम का ऐलान कर दिया गया. वे आज रामलीला मैदान में शपथ लेंगी. 

रेखा गुप्ता के पक्ष में क्या गया

रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं. वे 2015 से चुनाव लड़ रहीं है लेकिन जीत नहीं पाई थी. हालांकि इस बार वे विधानसभा में जीत का खाता खोलने में कामयाब रहीं. उन्होंने आप के उम्मीदवार को करीब 30 हजार वोटों से हराया. वे 2 बार पार्षद रह चुकी हैं. रेखा गुप्ता संघ से बेहद करीब हैं और दिल्ली में RSS की सक्रिय सदस्य हैं. वे DU छात्र संघ की अध्यक्ष और सचिव रह चुकी हैं. इसके साथ ही वे दिल्ली बीजेपी की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. 

संघ से करीबी होना का हुआ फायदा 

सूत्रों के मुताबिक रेखा गुप्ता को आरएसएस से नजदीकी का फायदा मिला. जब बीजेपी ने दिल्ली में विधान सभा चुनाव की जंग जीत ली तो संघ ने रेखा गुप्ता के नाम को मजबूती से आगे बढ़ाया. इसके साथ ही महिला होना उनके पक्ष में गया. इस बार महिला वोट बड़ी संख्या में बीजेपी की तरफ लौटा है. चूंकि पूरे देश में बीजेपी की कोई महिला सीएम नहीं है, इसलिए यह पॉइंट भी उनके फेवर में गया. रेखा गुप्ता वैश्य समाज से आती है और केजरीवाल भी वैश्य हैं. दिल्ली में 8 फीसदी वैश्य वोटर्स है. बीजेपी को बिहार में इसका असर दिखने की उम्मीद है. दिल्ली में अब तक तीन महिला सीएम शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी रही हैं. 

शॉर्टलिस्ट 15 नामों में रहीं शामिल

अब आपको बनाते हैं कैसे रेखा गुप्ता सीएम बनी, यानि दिल्ली की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले की इनसाइड स्टोरी. दिल्ली जिताने वाले RSS की रेखा गुप्ता के सीएम बनाने में भी अहम भूमिका रही है. सबसे पहले 48 विधायकों में से 15 नाम शॉर्टलिस्ट किए गए. इसके बाद 11 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निर्वाचित विधायकों से मुलाकात की. जेपी नड्डा ने 10 निर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर सभी विधायकों का मूड समझा. उन 15 नाम में रेखा गुप्ता का नाम भी शामिल था.

बुधवार को शाम को जब दिल्ली में RSS के मुख्यालय का उद्घाटन हो रहा था, तब रेखा गुप्ता भी संघ पदाधिकारियों के साथ मौजूद थीं. इससे साफ प्रतीत हो रहा था कि संघ से रेखा गुप्ता की किस कदर नजदीक है. उन्हें इस नजदीकी का इनाम भी मिला और संघ ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सामने रेखा गुप्ता का नाम मजबूती से आगे बढ़ाया. 

पीएम मोदी ने लगाई आखिरी मुहर

संघ की ओर से नाम आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के सीएम को लेकर पीएम मोदी से चर्चा की. इसके बाद रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगा दी गई. इसके बाद पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ को नए CM के नाम की जानकारी दी गई. बुधवार शाम हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से इस नाम पर मुहर लगा दी गई. 

तो आपने जाना कि कैसे रेखा गुप्ता सीएम बनी लेकिन रेखा गुप्ता के सीएम बनने का सबसे बड़ा फैक्टर RSS रहा है. असल में दिल्ली जिताने में RSS की भूमिका बेहद अहम रही है. वहीं रेखा गुप्ता आरएसएस की सक्रिय सदस्य रही हैं. उनके पास RSS में काम करने का 30 वर्षों का अनुभव है. कॉलेज में ABVP में सक्रिय रही और आज तक RSS में सक्रिय हैं. बेदाग छवि, महिला और चौंकाने वाली नीति के तहत RSS ने उनके नाम को सपोर्ट किया. 

इन चुनौतियों से पाना होगा पार

अब सीएम के लिए भले ही रेखा गुप्ता का नाम फाइनल हो गया हो लेकिन उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिनसे उन्हें पार पाना होगा. चुनाव के समय ऐलान की गई योजनाओं को उन्हें तुरंत लागू करना होगा. सरकार में दूसरे वरिष्ठ सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाना भी खासा चुनौती भरा होगा. यमुना की सफाई और प्रदूषण पर नियंत्रण करना होगा. चूंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है, इसलिए कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी उनकी परीक्षा होगी. 

राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, सीएम बनने के बाद रेखा गुप्ता के हर काम की पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से तुलना होगी. ऐसे में उन्हें अपने कार्यों और व्यवहार से बड़ी लकीर खींचनी होगी. AAP के कोर वोट बैंक में सेंध लगाकर उसे पूरी तरह से खत्म करना उनके लिए बड़ा चैलेंज रहेगा. विपक्ष में भी ठीक-ठाक संख्या में विधायक हैं. इसलिए उनके तीखे तेवरों से सरकार को बचाना भी उनकी परीक्षा लेगा. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news