स्कूल की घटना के एक दिन बाद स्कूल के मैनेजमेंट ने बच्चे के पैरेंट्स को पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद 14 साल के अमित को उसके पिताजी स्कूल से घर ले गए. उसे काफी समझाया कि जो हुआ वो हुआ आगे बढ़ो. लेकिन अमित क्लास में हुई बेईज्जती भूल नहीं पा रहा था.
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मध्य प्रदेश के सीधी जिले से बच्चे की आत्महत्या की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. सीधी जिले के पड़खुरी गांव में रहने वाले 8वीं क्लास के बच्चे ने स्कूल टीचर द्वारा जलील किए जाने के बाद फांसी लगाकर आतमहत्या कर ली. आत्महत्या से पहले बच्चे ने सुसाइड नोट लिखा और उसमें पूरी कहानी कह डाली. बच्चे ने पिता से भी गुहार लगाई कि टीचर को मत छोड़ना, उसने कई लड़कों की जिंदगी बर्बाद कर दी, उसे जरूर गिरफ्तार करवा देना. इसके साथ ही बच्चे ने अपने पिता से शराब छोड़ने की भी अपील की.
नवोदय विद्यालय चुरहट में पढ़ने वाला अमित प्रजापति 8वीं क्लास का छात्र था. 19 दिसंबर को वो क्लास में बैठा था, उसी समय एक छात्र ने उस पर चोरी का आरोप लगाया. जिसके बाद जब उसकी तलाशी ली गई तो चोरी का सामान उसके पास से मिला. इसके बाद टीचर अजीत पांडे ने क्लास में अन्य छात्रों के सामने उसे काफी जलील किया. आरोप के मुताबिक, टीचर ने बच्चे को गालियां दीं और मां-बाप को भिखारी कहा था. इसके अलावा भी उन्होंने काफी भला-बुरा कहा, जिससे वो सदमे में चला गया.
स्कूल की घटना के एक दिन बाद स्कूल के मैनेजमेंट ने बच्चे के पैरेंट्स को पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद 14 साल के अमित को उसके पिताजी स्कूल से घर ले गए. उसे काफी समझाया कि जो हुआ वो हुआ आगे बढ़ो. लेकिन अमित क्लास में हुई बेईज्जती भूल नहीं पा रहा था. वो जलालत को झेल नहीं पाया और 2 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अमित के पिता मिट्टी से ईंट बनाने का काम करते हैं.
अमित ने सुसाइड नोट में लिखा...
'प्रणाम पिताजी, मेरे को पता है कि आपको बहुत दुख होगा. मैंने यह रास्ता इसलिए अपनाया क्योंकि मैं बहुत गंदा हो चुका था अंदर से. मैं अपनी गंदी आदत को नहीं छुड़ा पाया. मुझे बहुत ज्यादा स्ट्रेस हो गया था. मुझे बार-बार अपने सर (अजीत पांडे) की याद आ रही थी. अच्छा एक बात बताइए कभी गलती हो जाए तो माफ नहीं किया जा सकता. मुझे ऐसा लगता है कि गलती माफ की जा सकती है. मैं यह सब अजीत पांडे के कहने पर किया था. उस दिन मुझसे गलती हो गई थी, तो उन्होंने मुझे बहुत गंदी-गंदी गाली दी थी.'
उसने आगे लिखा, 'सभी लड़कों को नीचे भेजकर मुझे बहुत बुरा-भला कहा था. मेरे मम्मी-पापा को भिखारी और भी बहुत बुरा-भला कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि जहर खाकर मर जा या कहीं जाकर फांसी लगा ले. मेरे भाई ने हमेशा मुझे सही रास्ता दिखाया. भाई ने मुझे हमेशा अच्छा ही समझाया. मेरी मां भी बहुत भोली है. मेरी गलती के बाद भी उसने मुझे कहा कि गलती तो सबसे हो जाती है. तुम अपना मन खराब मत करो. मेरे बाद पिताजी आप कभी शराब मत पीना. अजीत पांडे ने ना जाने कितनों की जिंदगी बर्बाद कर दी. उसे गिरफ्तार करवा दीजिएगा. प्रिंसिपल और मेरे दोस्त आदित्य, अंशुल, सचिन को भी खबर पहुंचा दीजिएगा. मुझे माफ कर देना पापा.'
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