Bharat Bandh 21 August: एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार को 'भारत बंद' बुलाया गया है. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति व अन्य संगठन फैसले को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. बिहार के पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भारत बंद का समर्थन किया है. 'भारत बंद' को देखते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई. कुछ जगहों पर स्कूल भी बंद किए गए हैं. भारत बंद से जुड़े अब तक के 5 बड़े अपडेट देखिए:
- भारत बंद क्यों: दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर 'भारत बंद' बुलाया है. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति समेत देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. भारत बंद को कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिला है. 21 अगस्त का भारत बंद एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ बुलाया गया है. संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी. ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (NCDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं. संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत रुख अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी. NCDAOR ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है. संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए.
- भारत बंद का कहां-कहां दिखा असर: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में प्रदर्शन देखने को मिले. पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया. राजस्थान के गंगानगर में स्कूल बंद रखे गए. झारखंड के अधिकांश हिस्सों में भी स्कूल बंद हैं. बिहार के जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 83 को ब्लॉक किया. पटना में भी भारत बंद के मद्देनजर प्रदर्शन हुए. राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, अजमेर समेत कई शहरों में लोग जमा हुए. न्यूज एजेंसी ANI ने यूपी के मुरादाबाद और आगरा से भी प्रदर्शन के विजुअल्स दिखाए.
- अखिलेश यादव की सरकार को चेतावनी: सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे जन आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं. यादव ने X पर कहा, 'आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा. शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है.' उन्होंने लिखा, 'बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी. सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं.'
- भारत बंद पर मायावती ने क्या कहा: बसपा अध्यक्ष मायावती ने X पर पोस्ट किया, 'बसपा भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र तथा इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 को एससी-एसटी के उपवर्गीकरण में क्रीमी लेयर से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दोनों समुदायों में भारी रोष व आक्रोश है.' उन्होंने कहा, 'इसे लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिये आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने की मांग की जाएगी, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील है.' मायावती ने लिखा, 'एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) समाज को भी मिला आरक्षण का संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ कोई खिलवाड़ न करें.' (एजेंसी इनपुट्स)
- सरकार ने क्या कहा: आज हो रहे देशव्यापी भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह चौधरी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी थी, इसके बाद कानून मंत्री ने संसद में इसपर स्पष्टीकरण भी दे दिया. कैबिनेट ने भी अपनी राय साफ कर दी है तो अब कुछ और नहीं बचा है...'
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