आशा कार्यकर्ता का कहना है कि हम लोग को सरकारी दर्जा दिया जाए, हम लोगों को 21000 रुपये मंथली पेमेंट दिया जाए, हम लोग रात दिन काम करते हैं और हम लोग को मिलता क्या है.
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मुंगेर: आशा संयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर आशा कार्यकर्ताओं ने आज शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल मे अपनी नौ सूत्री मांग को लेकर छह दिन से अस्पताल के मुख्य दरवाजे पर बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे है. दूरदराज से आई मरीजों को हॉस्पिटल में आने से रोक रहे है और उन्हें इलाज करने नहीं दे रहे है. आशा कार्यकर्ता ओपीडी को बाधित कर दिया है.
आशा कार्यकर्ता का कहना है कि जब तक सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक यह लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे और इसी तरह अस्पताल में आने वाले मरीजों को इलाज करने में बाधा उत्पन्न करते रहेंगे. आपको बता दें कि यह आशा कार्यकर्ता उस समय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जब अभी मौसम खराब है. वायरल फीवर सर्दी जुकाम की तरह कई बीमारियां इस बरसात के मौसम में लोगों को हो रही है. जो भी मरीज सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं उन्हें आशा कार्यकर्ता इलाज करने नहीं दे रहे हैं.
हालांकि डॉक्टर हॉस्पिटल में मौजूद है लेकिन मरीज को यह लोग मुख्य गेट से अंदर जाने ही नहीं दे रहे हैं. वहीं आशा कार्यकर्ता बताती है कि अगर कोई गंभीर बीमारी एक्सीडेंटल आता है तो हम लोग किसी को रोक नहीं रहे लेकिन नॉर्मल बीमारी वाले लोग आ रहे हैं उसे हम लोग रोक रहे हैं. जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हम लोग धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. आशा कार्यकर्ता का कहना है कि हम लोग को सरकारी दर्जा दिया जाए, हम लोगों को 21000 रुपये मंथली पेमेंट दिया जाए, हम लोग रात दिन काम करते हैं और हम लोग को मिलता क्या है कुछ भी नहीं, हम लोग रात हो दिन हो हमेशा ग्रामीण क्षेत्र से मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल में लाने का कार्य करते हैं.
कोरोना काल में भी हम लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था, लेकिन अब सरकार हम लोगों को उपेक्षित करके चल रही है. जब तक हम लोग की मांगे पूरी नहीं होती है तब तक हम लोग का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा वही आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार की विरोध में जमकर नारेबाजी की.
इनपुट- पुरषोत्तम कुमार
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