मधेपुरा सदर प्रखंड के मुरहो पीएचसी में मंगलवार की रात्रि में 13 मरीजों का परिवार नियोजन ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों को नर्स के भरोसे छोड़ डॉक्टर साहब अपने घर को निकल पड़े. स्थिति यह थी कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं था.
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मधेपुराः भले ही स्वास्थ्य विभाग मिशन 60 के तहत बिहार के अस्पतालों को चमकाने में लगा है लेकिन, बिहार सरकार की स्वास्थ्य सेवा के बेहतरी के दावे की पोल खोलने के लिए मधेपुरा सदर पीएचसी मुरहो काफी है. यहां रात में आपरेशन के बाद मरीजों को चिकित्सक अपने हाल पर छोड़ जाते हैं. आलम यह है कि भगवान भरोसे मरीज किसी तरह रात गुजार लेते हैं. अहम बात तो ये है कि अस्पताल में साफ-सफाई और शौचालय तथा बाथरूम की कोई व्यवस्था स्टाफ हो या मरीज सभी खासे परेशान रहते हैं.
13 मरीजों का किया ऑपरेशन
मधेपुरा सदर प्रखंड के मुरहो पीएचसी में मंगलवार की रात्रि में 13 मरीजों का परिवार नियोजन ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों को नर्स के भरोसे छोड़ डॉक्टर साहब अपने घर को निकल पड़े. स्थिति यह थी कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं था. इस स्थिति में मरीज और उसके परिजन घर और आसपास के लोगों से पुआल लेकर आए और जमीन पर बिछाकर किसी तरह अपनी रात गुजार ली. आलम यह है कि पीएचसी में साफ सफाई की व्यवस्था तो दूर शौचालय और बाथरूम तक की भी उचित व्यवस्था नहीं है. सदर प्रखंड का मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जब जी मीडिया की टीम ने रात में मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया तो मरीजों का कोई कमरा भी साफ-सुथरा नहीं था. हद की इंतहा तो ये है कि इस हाल में ही 13 मरीज और उनके परिजन अस्पताल में किसी तरह जमीन पर पुवाल बिछा कर रात गुजार रहे थे. जहां इनकी देख-भाल के लिए केवल और केवल एक नर्स ही मौजूद थी और नर्स भी अपनी अलग ही व्यथा सुना रही थी.
अस्पताल में चिकित्सक की कमी
वहीं इन समस्याओं को लेकर जब अस्पताल के प्रबंधक संतोष कुमार से सवाल किया गया तो चौंकाने वाला जवाब मिला, संतोष कुमार की मानें तो यहां चिकित्सक की घोर कमी है. मात्र एक चिकित्सक ही रात में 13 मरीजों की परिवार नियोजन आपरेशन कर फरार थे, उन्होंने साफ-सफाई के मामले में कहा कि हम लोगों ने कई बार सिविल सर्जन को लिखा है लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है किसी तरह हम लोग साफ सफाई अपने स्तर से करवाते हैं.
जब रात में ड्यूटी पर तैनात डॉ संतोष कुमार झा को कॉल किया गया तो उनके घर में किसी महिला ने फोन उठाया और कहा डॉक्टर साहब अभी सो रहे हैं. जब खुद परिचय दिया गया तो महिला ने कहा कॉल कर बात कराती हूं लेकिन डॉक्टर साहब से बात नहीं हो सकी. बहरहाल जिस तरह से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का दावा कर रहे हैं ऐसे में मधेपुरा सदर पीएचसी का हाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर खुद एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
रिपोर्ट- शंकर कुमार