बगहा में बच्चों से ढुलवाई जा रही है बोरियां, वीडियो ने मचाया हंगामा
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बगहा में बच्चों से ढुलवाई जा रही है बोरियां, वीडियो ने मचाया हंगामा

 बगहा-1 प्रखण्ड कार्यालय स्थित ई किसान भवन में धान के बीज की बोरियां उतारी जा रही थीं. जिसमें मजदूरी करने वाले कोई मजदूर या पोलदार नहीं थे. बल्कि नाबालिग बच्चे को लगाया गया था, जिसका वीडियो स्थानीय लोगों ने बनाकर इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

(बगहा फोटो)

बगहाः पूरे देश में बाल मजदूरी रोकने के दावों के बीच बिहार सरकार के सरकारी महकमे में ही नियम कानून ताक पर रखकर कार्य कराए जा रहे हैं. मजदूरी और भाड़ा बचाने के एवज में नाबालिग बच्चों, छात्रों से बोरियां ढुलवाई जा रही हैं. तस्वीरें सरकारी महकमे की पोल खोलने के लिए काफी है.

दरअसल पश्चिम चंपारण ज़िला के बगहा -1 प्रखंड स्थित ई किसान भवन में शनिवार को धान का बीज उतारा जा रहा था. खरीफ महोत्सव के बाद अब धान का कटोरा माने जाने वाले चंपारण में बिचड़े तैयार करने का समय हो गया है. लिहाजा सरकार और कृषि विभाग धान के बीज का आवंटन कर इसे धरातल पर पहुंचाने में जुटा है लेकिन यहां एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई जो बचपन बचाओ आंदोलन की याद ताजा कर इंसानियत को शर्मसार करने वाली है.

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जानकारी के मुताबिक बगहा-1 प्रखण्ड कार्यालय स्थित ई किसान भवन में धान के बीज की बोरियां उतारी जा रही थीं. जिसमें मजदूरी करने वाले कोई मजदूर या पोलदार नहीं थे. बल्कि नाबालिग बच्चे को लगाया गया था, जिसका वीडियो स्थानीय लोगों ने बनाकर इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि बगहा-1 प्रखंड स्थित ई किसान भवन में छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा धान की बोरी उतारी जा रही है.

हैरत की बात है कि सरकारी काम में लगे अधिकतर बाल मजदूर 15 वर्ष से कम उम्र के हैं. सभी मजदूर प्रखंड कार्यालय के आसपास के रहने वाले हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस जगह पर ट्रक या ट्रैलर से माल उतारने के लिए मजदूर नहीं मिलते हैं. बल्कि प्रोफेशनल मजदूरों की मजदूरी ज्यादा है. जबकि बच्चों से काम करा लेने पर कम पैसे देकर काम चल जाता है. ऐसे में बड़े मजदूरों को छोड़कर बाल मजदूरों को ही लगाकर ई किसान भवन में धड़ल्ले से काम निकाला जा रहा है.

हद तो तब हो गई जब इस मामले में मीडियाकर्मियों ने बगहा एक प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्ण नंदन सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि जो भी धान का बीज उतार रहा था, उसमें पोलदार को लगाया गया था. पोलदार ही बच्चों को लगाकर भेजे थे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा जो बीज उतारा जा रहा है. वह सारा बीज हिंदुस्तान बीज भंडार बगहा का है. 

अब देखने वाली बात होगी कि जब प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं और उधर ग्रामीण वीडियो वायरल कर रहे हैं तो बाल कल्याण विभाग इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है. जब यह धान का बीज सरकारी है और किसानों में वितरण के लिए कृषि कार्यालय में लाया गया है तो बाल मजदूरी का जवाबदेह कौन है. बड़ा सवाल है यही है?

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