Bihar Health News: राजधानी पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में विगत महीने दो मोटापे से ग्रस्त मरीजों का सफल बैरिएट्रिक ऑपरेशन किया गया. दोनों मरीज मोटापे और उससे संबंधित विकारों से ग्रसित थे.
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पटनाः राजधानी पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में विगत महीने दो मोटापे से ग्रस्त मरीजों का सफल बैरिएट्रिक ऑपरेशन किया गया. दोनों मरीज मोटापे और उससे संबंधित विकारों से ग्रसित थे. 45 वर्षीया छपरा निवासी प्रियंका सिंह पिछले कई सालों से मोटापे से पीड़ित थी. वे जोड़ो में दर्द, एसिडिटी, खर्राटे और आलस से परेशान थी. उनका वजन 96 kg था.
प्रियंका सिंह को पता चला कि IGIMS में मोटापे की सर्जरी (बरिएट्रिक सर्जरी) की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ साकेत कुमार से सलाह ली. जिसके बाद जांच में पाया गया कि मरीज के मोटापे के लिए सर्जरी ही बेहतर विकल्प है. पिछले साल 13 दिसंबर को IGIMS में उनका ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से किया गया. बिहार में पहली बार मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि की सर्जरी की गयी. यह सर्जरी वजन घटाने में बेहद कारगर है और इसके साइड-इफेक्ट बहुत कम हैं. ऑपरेशन के बाद मरीज का वजन 79 Kg हो गया है और वो बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं.
पटना निवासी बबीता शुक्ला (5० वर्ष ) भी मोटापे, गैस और गॉलब्लेडर में पथरी के रोग से ग्रसित थी. उनका वजन 92Kg हो गया था और वो घुटने के दर्द से भी परेशान थी. इन्होने IGIMS में डॉ मनीष मंडल से अपनी बीमारी के संबंध में सलाह ली. प्रारंभिक जांच के बाद उनको भी बैरिएट्रिक और गॉलब्लेडर की सर्जरी एक साथ करने की सलाह दी गयी. विगत 20 दिसंबर को उनका भी ऑपरेशन मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से किया गया. ऑपरेशन के 20 दिनों में ही मरीज का वजन 12 किलो कम हो गया और वो भी काफी चुस्त-दुरुस्त महसूस कर रही हैं.
डॉ साकेत कुमार में बताया कि बरिएट्रिक सर्जरी कई प्रकार की होती हैं. अब तक IGIMS में स्लीव गेस्ट्रोक्टॉमी विधि से ऑपरेशन किया जा रहा था. मगर जिन मरीज़ो को अत्यधिक एसिडिटी की समस्या हैं. उनमे ये सर्जरी कारगर नहीं हैं. इसलिए इन मरीजों में अत्याधुनिक मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास विधि से सर्जरी की गयी. ऑपरेशन के बाद दोनों मरीजों का वजन अपेक्षा अनुसार कम हुआ हैं. ऑपरेशन से उनके अन्य मोटापा-सम्बंधित रोगों में भी लाभ मिलेगा.
विभागाध्यक्ष गैस्ट्रो सर्जन -सह- मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज शीघ्र स्वस्थ हो रहे हैं. IGIMS में मोटापे के इलाज के लिए नूट्रिशनिस्ट, एंडोक्रिनोलोजिस्ट, श्वास-रोग विशेषज्ञ, हृदय-रोग विशेषज्ञ की टीम उपलब्ध हैं. ऑपरेशन के 3 दिनों के बाद मरीजों को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गयी थी. दोनों मरीजों का ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से किया गया था.
डॉ मंडल ने बताया कि IGIMS में मोटापे की सर्जरी 2020 से ही की जा रही हैं. इस नयी विधि से मोटापे से ग्रस्त मरीजों को और भी लाभ मिलेगा. डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान में ये सुविधा बहुत ही कम खर्चे में उपलब्ध है. संस्थान के निदेशक डॉ बिन्दे कुमार ने सफल सर्जरी के लिए पूरी सर्जरी और निश्चेतना टीम को बधाई दी. उन्होंने ऐसे एडवांस और जटिल सर्जरी के लिए संस्थान में हर प्रकार की संसाधन मुहैया कराये जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की.
इनपुट- सन्नी कुमार
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