बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कोरोना काल में तचो बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो रिपोर्ट आईं वह सच में परेशान करनेवाली थी.
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पटना : बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कोरोना काल में तचो बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो रिपोर्ट आईं वह सच में परेशान करनेवाली थी. ऐसे में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दे रहे हैं. वह लगातार बिहार के अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं.
ऐसे में बिहार के स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है. इसके साथ ही बिहार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में ऐसा सुधार लाया है कि वह ऐसा करनेवाला देश का पहला राज्य बन गया है. दरअसल अब बिहार में एक फोन कॉल पर आपको एंबुलेंस की संवा मिल जाएगी, प्रदेश में अब फोन कॉल के ठीक 35 मिनट बाद शहरों में और 20 मिनट बाद गावों में एंबुलेंस की सेवा मिल रही है.
बिहार एक ऐसा राज्य बन गया है जो 86 हजार की आबादी पर बुनियादी जीवन रक्षक एंबुलेंस तथा 2.17 लाख की आबादी पर एक उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस की व्यवस्था कर चुका है. जबकि सामान्यतः इसके लिए एक लाख की आबादी और दूसरे के लिए 5 लाख की आबादी का निर्धारण किया गया है लेकिन बिहार इसमें आगे निकल गया है.
इसके साथ ही बिहार में 1000 से ज्यादा एंबुलेंस की खरीद को मंजूरी दी गई है. कोविड के समय पर बिहार में एंबुलेंस की खूब कमी रही इसके पीछे की वजह यह रही है कि यहां की लगभग 650 के करीब एंबुलेंस खटारा हो गए थे. ऐसे में इसे बेडे़ से हटाकर नए एंबुलेंस को खरीद को मंजूरी दी गई है, इसके लिए 300 करोड़ रुपए की राशी स्वीकृत की गई है. विभाग की तरफ से खरीद के लिए जो 466 बुनियादी जीवन रक्षक एंबुलेंस और 534 उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस को मंजूरी मिली थी उसकी आपूर्ति कर दी गई है. इसके साथ ही बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां हर प्रखंड में एक-एक उन्नत जीवन रक्षक एंबुलेंस को लगाया गया है.