'देखन में गोली लगे, काम करे बारूद', बिहारियों को करोड़पति बना रहा ये सुपरफूड
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'देखन में गोली लगे, काम करे बारूद', बिहारियों को करोड़पति बना रहा ये सुपरफूड

बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में ‘मखाना बोर्ड’ के गठन की घोषणा की, जिससे इस पोषण से भरपूर सुपरफूड को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा मखाना उत्पादन मुख्य रूप से बिहार में होता है और 2022 में इसे GI टैग भी मिला था.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की, जिससे इस सुपरफूड को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. यह घोषणा न केवल बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह मखाना उत्पादन और उसके निर्यात को भी नया आयाम देगी दुनिया के लगभग 90% मखाने का उत्पादन बिहार में होता है, खासकर मिथिलांचल क्षेत्र में, जिसे 2022 में GI टैग प्राप्त हुआ था.

कैसे तैयार किया जाता है मखाना?
मखाना, जिसे फूल मखाना या फॉक्सनट के नाम से जाना जाता है, Euryale ferox नामक जल पौधे के बीजों से प्राप्त किया जाता है. ये पौधे मुख्य रूप से बिहार, मध्य प्रदेश और चीन के कुछ हिस्सों में उगते हैं. मखाना निकालने की प्रक्रिया अत्यंत मेहनत और धैर्य से की जाती है. पहले इन बीजों को तालाबों से हाथ से इकट्ठा किया जाता है, फिर इन्हें धोकर धूप में सुखाया जाता है इसके बाद, इन बीजों को मिट्टी और लोहे की कढ़ाई में भूनकर फुलाया जाता है. इस प्रक्रिया में अत्यधिक ध्यान और कुशलता की आवश्यकता होती है, क्योंकि अगर तापमान सही नहीं रखा गया, तो बीज ठीक से नहीं फूटते प्रत्येक बीज को लकड़ी के हथौड़े या पत्थर से तोड़ा जाता है, जिससे इसके अंदर का सफेद पफ बाहर आता है. यह प्रक्रिया समय लेने वाली और श्रमसाध्य होती है, जो इसे महंगा बनाती है.

मखाना क्यों है महंगा?
मखाने की कीमत अधिक होने का मुख्य कारण इसकी कठिन और श्रमसाध्य उत्पादन प्रक्रिया है. तालाबों से बीज निकालने से लेकर उन्हें सही तरीके से भूनने और फोड़ने तक, हर कदम पर विशेषज्ञता और मेहनत की जरूरत होती है. इसके अलावा, मखाने का उत्पादन केवल बिहार और कुछ अन्य सीमित क्षेत्रों में होता है, जिससे इसकी उपलब्धता सीमित रहती है और कीमत अधिक होती है. मखाने के दाने बेहद नाजुक होते हैं और इन्हें पैकिंग के दौरान विशेष देखभाल की जरूरत होती है, जिससे लागत और बढ़ जाती है. मखाने को सुपरफूड के रूप में प्रचारित किए जाने से भी इसकी मांग और दाम में वृद्धि हुई है.

मखाने के सेहत से जुड़े फायदे
मशहूर पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर मखाने को एक सुपरफूड बताती हैं, जो कई स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर है यह प्रोटीन से भरपूर होता है, जो मांसपेशियों की मरम्मत और वृद्धि में सहायक है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर रहता है इसके अलावा, इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं. मखाना कम कैलोरी और वसा वाला होता है, जिससे यह वजन घटाने में मदद करता है. यह कोलेस्ट्रॉल और सोडियम में कम होता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है. इसके कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है. इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को युवा और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं.

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