तमिलनाडु पुलिस ने बिहारी मजदूरों के खिलाफ तथाकथित हिंसा के अफवाह फैलाने के मामले में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें से 6 मुकदमों में मनीष कश्यप को आरोपी बनाया गया है.
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पटना: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित हिंसा की अफवाह फैलाने के मामले में मनीष कश्यप की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. बिहार पुलिस की ईओयू यानी आर्थिक अपराध शाखा के बाद अब तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को लेकर रवाना हो गई है. माना जा रहा है कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हिंसा की खबरें फैलाने के मामले में वहां की पुलिस मनीष कश्यप से पूछताछ करेगी. ईओयू की रिमांड खत्म होने के बाद अब तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप को ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया है. ईओयू ने इस बात की पुष्टि की है और उसके मुताबिक, मनीष कश्यप को लेकर तमिलनाडु पुलिस रवाना हो गई है. मनीष कश्यप को पहले वहां की कोर्ट में पेश किया जाएगा और फिर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.
बताया जा रहा है कि तमिलनाडु पुलिस ने बिहारी मजदूरों के खिलाफ तथाकथित हिंसा के अफवाह फैलाने के मामले में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें से 6 मुकदमों में मनीष कश्यप को आरोपी बनाया गया है. मनीष कश्यप के खिलाफ कृष्णागिरि, बरगस और त्रिपुर में मुकदमा दर्ज किए गए हैं. मुकदमे में मनीष कश्यप के अलावा उसके यूट्यूब चैनल सच तक का भी नाम शामिल किया गया है.
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बर्थडे मनाया जा रहा था, उसी समय राज्य में बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हिंसा की खबरें जोर पकड़ रही थीं. बीजेपी ने इस मामले को लेकर विधानसभा में जोरदार हंगामा किया. स्टालिन के बर्थडे में विपक्षी एकता दिखाने के लिए बिहार सरकार की ओर से तेजस्वी यादव शामिल हुए थे. लिहाजा बीजेपी ने तेजस्वी की चेन्नई यात्रा के खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज बुलंद की और बिहारी मजदूरों की अस्मिता का सौदा करने तक का आरोप लगा दिया था.
मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बिहार सरकार को मामले की जांच के लिए एक टीम तमिलनाडु भेजने को मजबूर होना पड़ा. सीनियर अधिकारियों की टीम ने जांच के बाद बिहार सरकार को सौंपे रिपोर्ट में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा की खबरों को गलत बताया. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई, जिसमें मनीष कश्यप और उसके चैनल सच तक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मनीष कश्यप के खिलाफ वारंट जारी किया गया, जिसके बाद वह दिल्ली और गुरुग्राम भाग गया था. बाद में जब कुर्की और जब्ती का वारंट जारी हुआ तब मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाने में जाकर सरेंडर कर दिया था.
मूल रूप से बिहार के मझौलिया थाने के डुमरी महनवा गांव के रहने वाला मनीष कश्यप बेतिया से पढ़ा है. मनीष ने महाराष्ट्र के सावित्री बाई फुले इंजीनियरिंग काॅलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. हालांकि उसने कोई नौकरी करने के बदले यूट्यूबर बनना पसंद किया और स्थानीय समस्याओं को लेकर वीडियो बनाने लगा और सच तक यूट्यूब चैनल पर पोस्ट करने लगा. पिछले विधानसभा चुनाव में मनीष ने चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाया था. मनीष के पिता अभी भारतीय सेना में हैं और उसके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे.