Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुआ बदलाव, जानिए विद्यार्थियों को क्या मिलेगा फायदा
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1279890

Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुआ बदलाव, जानिए विद्यार्थियों को क्या मिलेगा फायदा

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने से पहले स्कूलों में 10 प्लस 2 पैटर्न था. अब नई शिक्षा नीति में 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के पैटर्न को लागू किया जा रहा है. इसके तहत 12वीं तक की स्कूली शिक्षा में प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है.

Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हुआ बदलाव, जानिए विद्यार्थियों को क्या मिलेगा फायदा

पटनाः Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दो वर्ष पूरे हो गए है. नई शिक्षा नीति का एक बड़ा उद्देश्य 2030 तक प्री स्कूल से लेकर सेकंडरी स्तर में सौ फीसदी सकल नामांकन अनुपात हासिल करना है. नई शिक्षा नीति में प्री स्कूल से लेकर बारहवीं तक के सभी बच्चों को समग्र शिक्षा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समेकित प्रयास किए जा रहे हैं.

12वीं की स्कूली शिक्षा में शामिल होगी प्री स्कूली शिक्षा
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने से पहले स्कूलों में 10 प्लस 2 पैटर्न था. अब नई शिक्षा नीति में 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के पैटर्न को लागू किया जा रहा है. इसके तहत 12वीं तक की स्कूली शिक्षा में प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है. इसका अर्थ है कि स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बीच विभाजित किया गया है. 

छात्रों को मिलेगी कौशल और शिक्षण विकास की जानकारी
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल के बच्चे शामिल हैं. इस स्टेज में 3 साल की अपनी स्कूली शिक्षा तथा 2 साल प्री स्कूली शिक्षा जिसमें कक्षा 1 तथा दो शामिल है. फाउंडेशन स्टेज में छात्रों को भाषा कौशल और शिक्षण के विकास के बारे में सिखाया जाएगा और इस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बता दें कि सेकेंडरी स्टेज के तहत कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के बच्चे हैं. सेकेंडरी स्टेज के तहत जैसे बच्चे पहले साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स लेते थे. इस सुविधा को खत्म कर दी गई है, सेकेंडरी स्टेज के तहत बच्चे अपने पसंद की सब्जेक्ट ले सकते हैं. नई शिक्षा नीति के तहत छठी कक्षा से व्यवसायिक प्रशिक्षण , इंटर्नशिप को भी आरंभ कर किया गया है. 

छात्रों को कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में दी जाएगी जानकारी 
बता दें कि पहले केवल साइंस, आर्ट्स तथा कॉमर्स के स्ट्रीम हुआ थे जिनके तहत छात्रों को निश्चित विषयों की पढ़ाई करनी होती थी लेकिन अब छात्रों को अपनी पसंद के विषय चुनने की स्वतंत्रता दी गई है. इसका अर्थ यह है कि यदि कोई छात्र फिजिक्स का चयन करता है तो वह इसके साथ ही अकाउंट या आर्ट्स के भी विषय भी ले सकता है. इसके अलावा छात्रों को छठी कक्षा से ही कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी साथ ही उन्हें कोडिंग ही सिखाई जा रही है.

चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम होगा बदलाव 
यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार के अनुसार नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में भी बड़े बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों के अंतर्गत इसी वर्ष से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले हेतु कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लागू किए गए हैं. 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी विश्वविद्यालयों में लागू किया जा रहा है. नए क्रेडिट स्कोर सिस्टम को लागू किया जा चुका है.

ये भी पढ़िए- Bihar News: 2015 के आचार संहिता उल्लंघन मामले में पप्पू यादव को मिली जमानत

Trending news