Vijyadashami 2022:रावण अहंकारी और अत्यधिक क्रोधित किस्म का था. जिस प्रकार रावण में बुराइयां थी. उसी प्रकार आज मनुष्य में भी कई बुराइयां पाई जाती हैं. जिन्हें व्यक्ति को समाप्त करना चाहिए. आइये जानते हैं आप किस प्रकार अपने अंदर के रावण को खत्म कर सकते हैं.
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Vijayadashami 2022: आश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरे का त्योहार मनाया जा रहा है. यह दिन धर्म की अधर्म पर जीत का दिन कहा जाता है. इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय पाई थी. इसके अलावा मां दुर्गा ने भी महिषासुर के साथ 9 दिनों का युद्ध कर 10 वें दिन विजय पाई थी. जिसके चलते इसे विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है. रावण के बारे में लगभग हिंदू धर्म में सभी जानते हैं. रावण ने माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका ले गया था. जिसके बाद भगवान श्री राम ने लंका पर विजय पाकर माता सीता को वापस अयोध्या लाए थे.
हर साल दशहरे के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है. रावण असुर शक्तियों का प्रतीक है. रावण एक महान योद्धा था, उसके बाद भी वह सम्मान का पात्र नहीं है, क्योंकि उसने माता सीता का हरण किया था. रावण अहंकारी और अत्यधिक क्रोधित किस्म का था. जिस प्रकार रावण में बुराइयां थी. उसी प्रकार आज मनुष्य में भी कई बुराइयां पाई जाती हैं. जिन्हें व्यक्ति को समाप्त करना चाहिए. आइये जानते हैं आप किस प्रकार अपने अंदर के रावण को खत्म कर सकते हैं.
छोटों की सुने बात
जीवन में छोटे बड़े सभी उम्र के लोगों का सम्मान करना चाहिए. अक्सर लोगों को लगता है कि वह बड़े हैं तो उन्हें छोटों का सम्मान नहीं करना है. परंतु ऐसा नहीं करना चाहिए. हर उम्र का व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है. साथ ही जैसा कि रावण को उसके छोटे भाई विभीषण ने सलाह दी थी कि माता सीता को सम्मान पूर्व विदा कर कर दें. हालांकि रावण ने विभीषण की एक नहीं सुनी. जिसके कारण रावण को हार का सामना करना पड़ा. इसलिए छोटों को भी पूरा सम्मान देना चाहिए.
शक्तियों का करें सही जगह इस्तेमाल
रावण सबसे बड़े विद्वानों में से एक था. उसके पास कई प्रकार की शक्तियां थी. जिसे उसने कड़ी तपस्या से अर्जित किया था. जिसका उपयोग उसने लोक हित के जगह, अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए. इसलिए, अपनी ताकत का इस्तेमाल व्यक्ति को सही जगह करना चाहिए. आज कल लोग अपनी वर्दी और पैसे का गलत इस्तेमाल करते हैं और गलत रास्ते को अपनाते हैं. इसलिए दूसरों की मदद के लिए अपनी पावर का इस्तेमाल करना चाहिए.
अहंकार और क्रोध का करें त्याग
कहते हैं रावण में बहुत क्रोध और अहंकार था. जिसके कारण उसका विनाश हो गया. मनुष्य को अपने क्रोध पर काबू पाना आना चाहिए. अहंकार और क्रोध किसी भी व्यक्ति को बर्बाद कर देता है. जिसका त्याग कर देना चाहिए.
लालच से रहें दूर
लालच एक ऐसी बुराई है.जो आज के इस समय में सभी के अंदर पाई जाती है. किसी को धन का लालच होता तो किसी को सत्ता का. जिसके कारण अक्सर लोग गलत रास्ते भी अपनाते हैं. लालच के चलते व्यक्ति अक्सर बर्बाद हो जाता है. इसलिए किसी भी प्रकार का लालच करना सही नहीं है.
स्त्रियों का करें सम्मान
रावण ने माता सीता का अपमान किया था. उनका हरण किया था. जिसके कारण भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय पाई थी. कभी भी महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए. जीवन में सभी स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए. हर साल देश में दुष्कर्म के कई मामले सामने आते हैं. क्योंकि लोगों के अंदर का रावण जिंदा है. इसलिए सभी को अपने अंदर के रावण को खत्म करना बहुत जरूरी है. महिलाओं की सुरक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है.
अच्छे विचारों को अपनाएं
अक्सर आपके मन में तरह तरह के विचार आते हैं. अपने अंदर के बुरे विचारों को खत्म करना चाहिए और अच्छे विचारों को जगह देनी चाहिए. इससे आपकी सोच सकारात्मक रहेगी. साथ ही किसी के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए.