पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड यानि पीएससीएल की स्थापना के पांच साल पूरे हो चुके हैं. पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर करोड़ों रुपये बिहार सरकार और भारत सरकार दे चुकी हैं, लेकिन इसकी रैंकिंग सुधरने की बजाय गिरती जा रही है.
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पटनाः स्मार्ट सिटी की ताजा रैंकिंग में टॉप 75 शहर में कोई भी बिहार से नहीं है. सूबे के सबसे बड़े शहर और राजधानी पटना की रैंकिंग 54वें स्थान से गिरकर 82वें स्थान पर पहुंच गई है. रियल टाइम रैंकिंग में जिस तरह से पटना का प्रदर्शन खराब हुआ है उससे ये सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर बिहार की सबसे बड़ी सिटी पटना की ये स्थिति है तो दूसरे शहरों की हालत कैसी होगी.
सुधार के बजाय गिरती जा रही रैंकिंग
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड यानि पीएससीएल की स्थापना के पांच साल पूरे हो चुके हैं. पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर करोड़ों रुपये बिहार सरकार और भारत सरकार दे चुकी हैं, लेकिन इसकी रैंकिंग सुधरने की बजाय गिरती जा रही है. ये स्थिति बिहार की पहचान और सबसे बड़े शहर पटना की है. सोचिए दूसरे शहरों की स्थिति क्या होगी. दरअसल, देशभर की सभी स्मार्ट सिटी के लिए रियल टाइम रैंकिंग जारी हुई है. इस रैंकिंग में पटना 54वें स्थान से गिरकर 82वें स्थान पर आ गया है. पटना के लोग भी मानते हैं कि पटना की साफ सफाई पहले की स्थिति बेहतर हुई है. भोपाल,इंदौर,बैंगलुरू के मुकाबले काफी कुछ किया जाना बाकी है.
पांच साल पहले हुई थी पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की स्थापना
बात दें कि तकरीबन पांच साल पहले पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की स्थापना हुई. कुछ परियोजनाओं को पूरा किया गया, लेकिन कुछ परियोजना की रफ्तार काफी धीमी है. साफ सफाई के लिए निगम की तरफ से प्रयास किए जा रहे है. लेकिन रेलवे स्टेशन जैसे इलाके स्मार्ट सिटी के नाम पर किसी को भी मुंह चिढ़ाने के लिए काफी है. बेतरतीब पार्किंग,सड़कों पर अतिक्रमण जैसी वजहों से पटना स्मार्ट सिटी की रैंकिंग और खराब हो गई है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि,स्मार्ट सिटी की ताजा रैंकिंग में टॉप 75 में बिहार का कोई शहर नहीं है. बिहार में पटना के साथ-साथ मुजफ्फरपुर,भागलपुर और बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी के चयन हुआ है.
स्मार्ट सिटी मिशन ने जारी की रियल टाइम रैंकिंग
देश भर के सभी स्मार्ट सिटी को लेकर स्मार्ट सिटी मिशन ने रियल टाइम रैंकिंग जारी की है. इस बार रैंकिंग नये मापदंडों के आधार पर की गई है. स्मार्ट शहरों की इस सूची में इंदौर सबसे टॉप पर कायम है. जिसे 200 अंक मिले हैं. उदयपुर, सूरत, आगरा और अहमदाबाद दूसरे तीसरे, चौथे और पांचवें नम्बर पर हैं. पीएससीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिमेष परासर ने भरोसा जताया है कि स्थिति को बेहतर करने के लिए कोशिश जारी है. अगली रैंकिंग में पटना की स्थिति बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि जब तक पटना की पहचान माने जाने वाले इलाकों की हालत नहीं सुधारी जाएगी, तब तक पटना को स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में निराशा ही हाथ लगेगी. क्योंकि अगर कोई भी शख्स पटना जंक्शन से निकलकर डाकबंग्ला ही पहुंचता है उसे बेतरतीब जाम और अतिक्रमण यहां की सही तस्वीरों का सामना करना होता है.