Bihar News: फर्जी शिक्षक दिखाकर एक करोड़ 71 लाख 25 हजार रुपये से अधिक सरकारी राशि पर डाका डाला गया है. यह घोटाला जमुई जिले में सामने आया है. अगर जांच हुई और पूरे प्रदेश में इस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया होगा तो यह राशि कई गुना तक बढ़ सकती है.
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Bihar teacher salary scam: सरकारी योजनाओं में घोटालों की जब बात होती है तो शायद बिहार का नाम सबसे ऊपर रखा जाता है. शायद इस प्रदेश की राजनीति ही घोटालों के इर्द-गिर्द घूमती है. कुछ मामलों ने तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की फजीहत कराई है. बहुचर्चित चारा घोटाला (Fodder Scam) ने तो सूबे की सियासत की दिशा और दशा बदल कर रख दी. चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू यादव सजायाफ्ता हैं और बेल पर बाहर हैं. इसके अलावा नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू यादव के साथ-साथ उनका परिवार भी आरोपी है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में भी कई घोटाले हुए हैं.
अब बिहार में शिक्षक वेतन घोटाला सामने आया है. दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के जमुई जिले में आम लोगों को शिक्षक दिखाकर वेतन घोटाला किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी शिक्षक दिखाकर सरकारी खजाने पर डाका डाला गया है. जागरण ने अपनी रिपोर्ट में एक करोड़ 71 लाख 25 हजार रुपये से अधिक की हेरफेर किए जाने की बात कही है. जांच में यह राशि बढ़ने की आशंका भी जताई है.
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रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2015 के बाद नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन भुगतान बंद कर दिया गया था. इसके बाद 11 जुलाई 2022 की तिथि से निर्गत पत्र में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया था कि शिक्षकों के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए. अपर मुख्य सचिव की ओर से आदेश दिया गया था कि वेतन भुगतान के लंबित मामलों का निष्पादन 15 दिनों के भीतर करके विभाग को प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाए. इस आदेश की आड़ में घोटाले का खेल रच दिया गया.