कमरुल हुदा ने ही बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री कराई थी. उन्होंने 2019 में किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में AIMIM की टिकट पर जीत हासिल की थी.
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Kamrul Huda Join RJD: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. लोकसभा चुनाव से पहले ही बिहार में दल-बदल का खेल शुरू हो चुका है. इसकी शुरुआत AIMIM के पूर्व विधायक कमरुल हुदा ने की है. कमरुल ने असदुद्दीन ओवैसी को तगड़ा झटका देते हुए तेजस्वी यादव की टीम में शामिल हो गए हैं. शुक्रवार (21 अप्रैल) को उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थको के साथ आरजेडी का दामन थाम लिया.
किशनगंज के स्थानीय सर्किट हाउस में मंत्री शाहनवाज आलम ने उन्हें सदस्यता दिलाई. इस दौरान कमरुल हुदा ने असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करते हुए कहा कि सीमांचल का विकास सिर्फ आरजेडी ही कर सकती है. ये ओवैसी के बस की बात नहीं है. बता दें कि कमरुल हुदा ने ही बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री कराई थी. उन्होंने 2019 में किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में AIMIM की टिकट पर जीत हासिल की थी.
ओवैसी ने पार्टी से निकाला था
सीमांचल में AIMIM का खाता खोलने वाले किशनगंज के पूर्व विधायक कमरुल हुदा को ओवैसी ने पिछले साल ही पार्टी से निष्कासित किया था. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. वहीं कमरुल हुदा ने एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान पर टिकट बेंचने के आरोप लगाए थे. पार्टी से निष्कासित किए जाने पर उन्होंने कहा था कि मैंने खुद पार्टी से इस्तीफा दिया है.
कौन हैं कमरुल हुदा?
कमरुल हुदा किशनगंज के ही बलिचुक्का गांव के निवासी हैं. उनका राजनीतिक सफर ग्राम पंचायत स्तर से शुरू हुआ है. सबसे पहले वे वर्ष 2001 में किशनगंज ब्लॉक के ट्योशा पंचायत से मुखिया बने और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. इसके बाद पंचायत चुनाव में किशनगंज ब्लॉक के प्रमुख बने और फिर जिला परिषद में चुनाव जीतने के बाद जिला परिषद अध्यक्ष भी बने. किशनगंज सीट पर 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह को हराया था.