उत्क्रमित उच्च विद्यालय के प्राचार्य दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस स्कूल में लाइब्रेरी और लैब भी है. अलग-अलग क्लास रूम के अलावा मोटिवेशनल रूम, डिजिटल रूम, कम्प्यूटर रूम, इंडोर गेम रूम और किचन गार्डन भी है.
Trending Photos
कोडरमा : कोडरमा के सरकारी स्कूलों का न सिर्फ शैक्षणिक माहौल बदल रहा है, बल्कि स्कूलों के आधारभूत संरचनाएं भी बदल रही है. ऐसे में कोडरमा के ये सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
सरकारी स्कूल में आधारभूत संरचनाओं में हो रहा बदलाव
स्कूलों की दीवारों पर पेंटिंग, प्ले ग्राउंड में खेलते बच्चे, झूले पर झूलती छात्राएं और ट्रेन के डिब्बों के शक्ल में बनी इस क्लास रूम को देखकर शायद आपको यह लग रहा हो किया कोई निजी विद्यालय है, लेकिन अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो यहां आपकी सोच गलत साबित हो जाएगी. क्योंकि यह कोडरमा के सुदूरवर्ती गोदखर का उत्क्रमित उच्च विद्यालय है. जिले में और भी कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं जहां नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर आधारभूत संरचनाओं में बदलाव आ रहा है. साथ ही स्कूलों के शैक्षणिक माहौल भी बदल रहे हैं. उपायुक्त आदित्य रंजन भी मानते हैं कि सामूहिक प्रयास से सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण सुधार हो रहा है.
शिक्षकों को ग्रामीणों का मिल रहा सहयोग
उत्क्रमित उच्च विद्यालय के प्राचार्य दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस स्कूल में लाइब्रेरी और लैब भी है. अलग-अलग क्लास रूम के अलावा मोटिवेशनल रूम, डिजिटल रूम, कम्प्यूटर रूम, इंडोर गेम रूम और किचन गार्डन भी है. इसके अलावा नो कॉस्ट और लो कॉस्ट पर हर चीज के रखरखाव की व्यवस्था भी की गई है. स्कूल के आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में यहां के शिक्षकों को ग्रामीणों का सहयोग भी मिलता है. साथ ही सरकारी स्कूलों में बदलाव की लहर के बीच बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ रही है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट रेल और प्रोजेक्ट इंपैक्ट चलाया जा रहा है, जिसके तहत हर शनिवार को छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के मूल्यांकन को लेकर टेस्ट लिया जाता है और प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है. सरकारी स्कूलों का बदलता माहौल छात्र-छात्राओं को रास आ रहा है.
कोडरमा के 677 स्कूलों में आधारभूत संरचना होगी बेहतर
पढ़ाई लिखाई के साथ आधारभूत संरचनाओं में बदलाव के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी इस स्कूल के छात्र छात्राओं को भाग लेने का मौका मिल रहा है. इस स्कूल में कई ऐसे छात्र भी है जो निजी स्कूलों से इस स्कूल से नाम कटवा कर यहां नामांकन लिए है. अब यहां की व्यवस्था प्राइवेट स्कूल से बेहतर लग रही है. स्कूली छात्राओं के मुताबिक हर क्षेत्र में स्कूल का माहौल बदल रहा है. कोडरमा जिले में 677 सरकारी स्कूल है. इन सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल और आधारभूत संरचनाओं को बेहतर करने वाले स्कूलों को जिला प्रशासन की ओर से प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. जिन स्कूलों में नो कॉस्ट और लो कॉस्ट छोटे बड़े कार्य खुद स्कूल के स्तर पर ही किए जा रहे हैं. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से और भी कई तरह के मदद किए जा रहे हैं ताकि स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके.
इनपुट- गजेंद्र सिन्हा