Chhath Puja 2024: छठ पर्व हर साल विशेष योगों में मनाया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है. इस साल छठ पूजा का पहला दिन जिसे नहाय-खाय कहा जाता है. इस दिन व्रती स्नान करके शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं. अगले दिन सुकर्मा योग में खरना किया जाएगा, जिसमें भक्त पूरे दिन का उपवास रखने के बाद शाम को भगवान सूर्य की पूजा करके प्रसाद ग्रहण करते हैं.
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Chhath Puja 2024: छठ पूजा जिसे लोक आस्था का महापर्व माना जाता है, जो 5 नवंबर 2024 मंगलवार से शुरू हो रहा है. यह चार दिन तक चलने वाला पर्व है, जिसमें भक्त सूरज देवता और छठी माई की पूजा करते हैं. इस पर्व का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय-खाय से होता है. इस दिन व्रती गंगा नदी या किसी पवित्र जलाशय में स्नान करते हैं और सूर्यदेव को जल अर्पित करके व्रत का संकल्प लेते हैं. इसके बाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी आदि शुद्ध प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत की शुरुआत करते हैं.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार दूसरे दिन 6 नवंबर को खरना मनाया जाएगा, जो कार्तिक शुक्ल पंचमी पर आता है. इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं. यह प्रसाद मुख्य रूप से गुड़ से बने खीर और रोटी का होता है. खरना के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास का संकल्प लेते हैं, जिसमें वे जल भी ग्रहण नहीं करते. वहीं तीसरे दिन 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन व्रती विशेष तौर पर सजाए गए छठ घाट पर जाते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने से माना जाता है कि मानसिक शांति, प्रगति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. संध्या अर्घ्य में व्रती फल, मिठाई, नारियल, पान-सुपारी और फूलों से सजाए गए डाला के साथ सूर्य देव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं.
इसके अलावा अंतिम दिन 8 नवंबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन किया जाता है. उगते सूर्य को अर्घ्य देने से व्रती अपने परिवार के लिए दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं. इस चार दिवसीय अनुष्ठान में छठ माई की कृपा से परिवार में सुख, शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है. छठ पर्व का हर दिन खास योगों में मनाया जाता है, जिससे इस पर्व का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है. इस साल जयद् योग में नहाय-खाय और सुकर्मा योग में खरना किया जाएगा. छठ महापर्व की पवित्रता और सादगी इसे देशभर में अनोखा बनाती है और इसमें भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हिस्सा लेते हैं.
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