28 वर्गमील तक फैला रोहतासगढ़ किला कैमूर पहाड़ियों में स्थित है. इस किले में कुल 83 दरवाजे हैं. जिसमें घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट और मेढ़ा घाट प्रमुख हैं. किले के प्रवेश द्वार पर बनाया गया हाथी काफी खूबसूरत लगता है. राजा हरिश्चंद्र के बेटे रोहितश्व ने इस किले का निर्माण करवाया था. किले के भीतर आपको रंगमहल, शीशमहल, पंचमहल, रानी का झरोखा समेत अन्य दरबार भी देखने को मिल जाएगा.
रोहतास प्रखंड से करीब 2 घंटे की दूरी पर स्थित भगवान शिव का प्राचीन और खूबसूरत चौरासन मंदिर है. रोहतासगढ़ किले के पास स्थित इस मंदिर में भगवान शंकर के दर्शन पाने के लिए 84 सीढ़िया चढ़नी पड़ती है. इसलिए इस मंदिर का नाम चौरासन दिया गया.
अगर आपको पहाड़ों पर घूमने का शौक रखते है तो सासाराम का मझर कुंड और धुआ कुंड आपके लिए बेस्ट जगह हैं. यहां कैमूर पहाड़ियों की चट्टानों से पानी की एक धारा टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरते हुए आगे जाकर 130 फीट की ऊंचाई से नीचे धुआ कुंड में गिरती है. इस जलप्रपात के आस पास हर तरफ हरेभरे पेड़ पौधे हैं.
अगर आपको ऐतिहासिक स्थल देखना पसंद है तो रोहतास में आप शेरशाह सूरी का मकबरा देखने जा सकते हैं. 1542 में इस मकबरे का निर्माण हुआ था. 52 एकड़ में फैले तालाब में बने इस मकबरा को भारत-अफगान शैली में लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है. मकबरे के भीतरी भाग हिंदू वास्तुकला से सजाया गया है.
तुतल भवानी मंदिर के पास से 200 फीट से नीचे गिरता पानी आपको रोमांचित करने के लिए काफी है. यहां एक झुला पुल भी बनाया गया है. जिस पर खड़े होकर पर्यटक अक्सर जल प्रपात का नजारा लेते हैं. गर्मियों के मौसम में कई लोग परिवार के साथ यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं.
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