Father Gotra: पिता का गोत्र पुत्री को क्यों नहीं मिलता? वैदिक गोत्र प्रणाली के पीछे छिपा विज्ञान, जानें 10 अनसुलझे रहस्य
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Nov 22, 2024
गोत्र और Y गुणसूत्र का कनेक्शन
वैदिक गोत्र विशेषज्ञ के अनुसार पुरुष में Y गुणसूत्र पिता से आता है और यही गोत्र का आधार है. चूंकि महिलाओं में Y गुणसूत्र नहीं होता, इसलिए वे पिता का गोत्र नहीं लेतीं.
पुत्र और पुत्री में गुणसूत्रों का योगदान
पुत्र के गुणसूत्र (XY) में Y पूरी तरह पिता से आता है, जबकि पुत्री के गुणसूत्र (XX) में X गुणसूत्र माता और पिता दोनों से आता है.
सगोत्र विवाह क्यों निषेध?
वैदिक गोत्र विशेषज्ञ के अनुसार समान डीएनए के कारण सगोत्र विवाह से संतान में आनुवंशिक विकारों की संभावना बढ़ जाती है.
कन्यादान का महत्व
कन्यादान का उद्देश्य है कन्या को पिता के गोत्र से मुक्त कर पति के गोत्र में शामिल करना.
विवाह और गोत्र प्रणाली
विवाह के बाद स्त्री अपने पति के गोत्र को अपनाती है, जिससे वंश की शुद्धता बनी रहती है.
सात पीढ़ियों का नियम
गोत्र प्रणाली में कहा गया है कि सात पीढ़ियों तक डीएनए की शुद्धता बनी रहती है.
वैदिक ऋषियों का योगदान
प्राचीन ऋषियों ने गोत्र प्रणाली के माध्यम से वंश की आनुवंशिक शुद्धता बनाए रखने का वैज्ञानिक तरीका अपनाया.
आनुवंशिकी और विज्ञान का समर्थन
वैदिक गोत्र विशेषज्ञ के अनुसार आधुनिक आनुवंशिकी भी पुष्टि करती है कि समान डीएनए वाले व्यक्तियों का विवाह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
स्त्रियों का योगदान
स्त्री विवाह के बाद पति के वंश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
गोत्र प्रणाली का उद्देश्य
वैदिक गोत्र विशेषज्ञ के अनुसार यह प्रणाली वंश, आनुवंशिकी और सामाजिक संतुलन को सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई थी.