Medical Termination of Pregnancy: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 12 साल की रेप विक्टिम को 25 सप्ताह से ज्यादा का गर्भ गिराने की अनुमति दी है. पीड़िता 25 सप्ताह 4 दिन की गर्भवती है.
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Bombay HC allows to terminate 25 week Pregnancy: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 12 साल की रेप विक्टिम को अबॉर्शन की अनुमति दी है. पीड़िता 25 सप्ताह 4 दिन की गर्भवती है और कोर्ट ने उसके कल्याण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया है. जस्टिस संदीप मार्ने और जस्टिस नीला गोखले की वेकेशन बेंच ने जेजे अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट पर गौर करते हुए कहा कि विक्टिम नाबालिग है और उसकी भलाई और सुरक्षा सर्वोपरि है.
लड़की की मां ने मांगी थी अबॉर्शन की इजाजत
जेजे अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट में मानवीय आधार पर गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की गई थी. इससे पहले 9 मई को हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को लड़की की जांच करने का निर्देश दिया था. लड़की की मां ने वकील एशले कुशर के माध्यम से हाईकोर्ट में गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन (MTP) की अनुमति मांगी थी, क्योंकि कानूनी तौर पर अबॉर्शन की सीमा 24 सप्ताह है और उनकी बेटी का गर्भ इसे पार कर चुका था.
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट के दोनों जजों ने एमटीपी यानी मेडिकल अबॉर्शन को आगे बढ़ने की अनुमति देते समय अन्य परिस्थितियों जैसे कि उसकी उम्र और 'नाबालिग इस तथ्य से अनजान थी कि वह गर्भवती है' पर ध्यान दिया. स्थिति की तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अस्पताल को एमटीपी शुरू करने के लिए तुरंत एक टीम का गठन करने का निर्देश दिया है.
14 साल के भाई ने किया था लड़की का रेप
2 मई को बच्ची को पेट में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद लड़की की मां उसे एक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई, जहां प्रेग्नेंसी की पुष्टि हुई. लड़की ने अपनी मां को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में जब घर पर कोई नहीं था, तब 14 साल के उसके बड़े भाई ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे. इसके साथ ही उसने उसे डराया और धमकाया कि अगर उसने किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
क्या है मेडिकल अबॉर्शन का नियम?
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत, 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी को मेडिकल अबॉर्शन करने की इजाजत दी जाती है. इसमें शादीशुदा महिला, रेप पीड़ित, दिव्यांग महिला और नाबालिग लड़की को इसकी इजाजत मिलती है. अगर प्रेग्नेंसी 24 सप्ताह से ज्यादा की हो तो अबॉर्शन के लिए मेडिकल बोर्ड की सलाह पर कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है.